Ambedkar Nagar : माध्यमिक शिक्षक संघ,अम्बेडकर नगर के जिलाध्यक्ष उदयराज मिश्र ने उठाई तदर्थ शिक्षकों की समस्या
संवाददाता पंकज कुमार । अम्बेडकरनगर जिले के कोरोना संक्रमण के दौर में झंझावातों से जूझ रही शिक्षा व्यवस्था सरकार द्वारा तदर्थ शिक्षकों के प्रति द्वेषपूर्ण रवैया अपनाए जाने एवम प्रबन्धन के साथ साथ स्वयम सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों को कोई आर्थिक अनुदान न दिए जाने से शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया प्रभावित होने के साथ साथ दिनों दिन घातक होती जा रही है। सरकार को अपना निरंकुश रवैया त्यागकर इन शिक्षकों के हित हेतु ठोस तथा कारगर कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है।ये उद्गार माध्यमिक शिक्षक संघ,अम्बेडकर नगर के जिलाध्यक्ष उदयराज मिश्र ने मुख्यमंत्री को जरिये ट्वीट व्यक्त किया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार सूबे के अनेक जिलों में वर्ष 2001 से कार्यरत हजारों तदर्थ शिक्षकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आएदिन खड़ी है । जबकि सुप्रीम कोर्ट इन शिक्षकों के विनियमितीकरण हेतु इशारा भी कर चुका है किंतु सरकार अपनी ही जिद परअड़ी है। दूसरी तरफ प्रदेश के पंद्रह हजार से अधिक वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत वित्तविहीन शिक्षक कोरोना के चलते विद्यालय बन्द होने से जहां बेरोजगार हो गए हैं वहीं उनके प्रबन्धन और सरकार दोनों ही उनके प्रति किसी भी जबाबदेही से अपने अपने पल्ले झाड़ रहे हैं। जिसके चलते ऑनलाइन पढाई सिफर के बराबर है और कागज में घोड़े दौड़ते जा रहे हैं। दिलचस्प यह है कि अभी हालिया सदन में शिक्षक विधायक सुरेश तिवारी द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय दिए जाने की मांग की गई थी । जिसका माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सीधेसीध नकारात्मक उत्तर दिया गया जिससे स्थिति जहां भयावह होती जा रही है । वहीं विद्यार्थियों के भीतर कुंठा तथा नैराश्य की भावनाएं पनपने से वे चिड़चिड़े एवम अवसादग्रस्त होते जा रहे हैं। इस बाबत अभिभावकों में भी सत्ता और सरकार के साथ साथ विद्यालय प्रबंधनों के प्रति आक्रोश बढ़ता साफ देखा जा सकता है। बेहतर यही होगा कि सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को भुखमरी और अवसाद से बचाये अन्यथा शिक्षा व्यवस्था सरकारी फाइलों में कैद हो जाएगी।