संभल से भूपेंद्र सिंह संवाददाता संभल । लोकतंत्र और पत्रकारिता मिलकर स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं यह विचार प्रसिद्ध पत्रकार और आलमी सहारा चैनल के संपादक श्री लईक रिजवी ने एम जी एम पीजी कॉलेज संभल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किए ।
ज्ञात हो कि एमजीएम पीजी कॉलेज संभल उर्दू विभाग के सौजन्य से लोकतांत्रिक व्यवस्था में पत्रकारिता का रोल विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया ।
आज दिनांक 24 जनवरी को आयोजित की ।इस कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नवेद अहमद खान ने कहा कि यह विषय बहुत ही संवेदनशील हैं और पत्रकारिता के रोल को व्यक्त करता है तथा पत्रकारिता सदैव लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक रही है।
विषय के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री लईक रिजवी ने कहा कि स्वतंत्रता से पूर्व और स्वतंत्रता के पश्चात भी पत्रकारिता का रोल लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करने में अहम रहा है।
उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि आज भले ही पत्रकारिता पेशेवर हो गई हो किंतु आज भी उसका रोल समाज के लिए लाभप्रद है।विशिष्ट अतिथि डा रेहान हसन विभागाध्यक्ष उर्दू गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी अमृतसर ने कहा कि पत्रकारिता सुन्नत ए इलाही है अल्लाह ने अंबिया पर अपने संदेशवाहक भेज कर स्वस्थ समाज के लिए पत्रकारिता के महत्व को उजागर किया ।
मुख्य अतिथि डॉ राशिद अजीज असिस्टेंट प्रोफेसर उर्दू विभाग केंद्रीय विश्वविद्यालय आफ कश्मीर, श्रीनगर ने कहा कि पत्रकार समाज, सत्ता और जनता का दर्पण होता है। इसलिए जनता को जागरूक करना पत्रकारिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।स्वस्थ समाज के लिए पत्रकारिता अति आवश्यक है। वेबिनार के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ आबिद हुसैन हैदरी ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।
उर्दू पत्रकारिता ने मौलवी बाकर से लेकर आज तक अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है और आज भी उर्दू पत्रकारिता समाज की प्रत्येक समस्या को निष्पक्ष ढंग से प्रस्तुत करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान कर रही है।
विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रजा उर रहमान आकिफ ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।कार्यक्रम का संचालन डॉ रियाज अनवर ने किया ।इस कार्यक्रम में उर्दू विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर हुमा फातिमा का विशेष योगदान रहा।