आशीष कुमार
सैफई( इटावा)।चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज हैवरा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।इस कवि सम्मेलन में कवियों की वाणी से जमकर किसानों का दर्द छलका। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने दीप प्रज्वलित करके कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे स्वामी ओमखअंख चिंतक महाराज जी को शिवपाल सिंह यादव ने प्रतीक चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
कवियत्री डॉ अनामिका अंबर ने अपनी कविता में कहा नहीं दौलत नहीं शोहरत नहीं है खान दानों से नहीं है सूरमाओं से नहीं ऊंचे मकानों से संभाला है तिरंगा एक ने एक अन्नदाता है कलम या तो जवानों से या फिर है किसानों, कवि रोहित चौधरी ने- किंतु तरक्की वाला हमको घायल हर अरमान दिखा, सर्द रात में बिन कंबल के ठिठुरता हुआ किसान दिखा…”
कवित्री अपराजिता सिंह ने- “खड़े सीमा पर जो रहते वह बेटे हैं किसानों के हर एक कठिनाई को सहते हैं, वह बेटे हैं किसानों के…” रचना पढ़ी। कवि गौरव चौहान ने पढ़ी- “कत्ल सियासत कर बैठी है भारत के अरमानों का कहर बनेगा सरकारों को अब यह दर्द किसानों का, कवि रौनक इटावी ने- “तेरे मंसूबों को मिटा कर दम लेंगे ,मांगे हम अपनी मनवा के हम लेंगे सोच के घर से अपने हम निकले हैं जालिम तेरे सर को झुका कर दम लेंगे..” मार्मिक रचना पढ़ी।
कवित्री गौरी मिश्रा- “जहां दुश्वार है रहे, वही अरमान लिखा है ,यूं लगता है मोहब्बत का कोई पैगाम लिखा है।” गीत पढा। कवि मयंक बिधौलिया ने- “बेटी सुरक्षा पर यह इंकलाब की शैली है, भाषा बड़ी विषैली है” रचना पढ़कर श्रोताओं के दिल जीता। कवि सम्मेलन का संचालन कवि सौरव सुमन द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन में आए हुए अतिथियों और सभी कवियों का स्वयम प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव व चौधरी चरण सिंह पी जी कालेज प्राचार्य डॉ फतेह बहादुर सिंह यादव द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य,दीपक मिश्रा, सुनील यादव,कुमुदेश यादव,प्रो ब्रजेश चंद्र यादव, अनुज मोंटी यादव,रामसेवक गंगापुरा, महावीर सिंह यादव, अजेंद्र सिंह गौर, राहुल गुप्ता,खन्ना यादव आदि के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, किसान, कालेज की छात्र छात्राएं कवि सम्मेलन सुनने को मौजूद थे। इससे पूर्व शिवपाल सिंह यादव ने कॉलेज पहुंचकर चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें देश की खेती किसानी को तरजीह देने वाला सर्वोच्च नेता बताया और कहा कि आज चौधरी साहब जिंदा होते तो किसानों की देश मे हालत बदतर नही होती, न ही सरकार गलत कानून बनाती और न ही किसानॉन को धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ता।