आशीष कुमार
इटावा।जसवंतनगर सेवा कार्य कोई प्रदर्शन का विषय नही होता, मगर प्रायः लोग प्रदर्शन करके दिखाते हैं कि हम से बड़ा कोई जन सेवार्थी या समाजसेवी नही! सेवा करना कोई भाविप के इन युवाओं से सीखे, रात के अंधेरे में बने मसीह
भारत विकास परिषद् ‘मुख्य शाखा’ जसवन्तनगर ने गुपचुप तरीके से गरीबों की इस ठिठुरती सर्दी में जो सेवा की, उसे नजीर के रूप में देखे जाने की जरूरत है। इस संस्था के सचिव मणिशंकर गुप्ता एडवोकेट और कोषाध्यक्ष मधुर श्रीवास्तव रात्रि 12 बजे चुपचाप नगर की सड़कों पर एक गाड़ी में कम्बलों का बंडल लेकर तब निकल पड़े, जब कोहरा कट रहा था।उन्होंने घूम घूमकर उन ज़रूरतमंदों को कम्बल वितरण किया , जिनको उनकी वास्तविक ज़रूरत थी । कैम्प लगा कर वह भी कम्बलों को बाँट सकते थे,परन्तु ऐसा नही किया। पिछले वर्ष के अनुभव के मद्देनजर ख़ुद रात में भ्रमण करके जिनको वाक़ई ज़रूरत है उन तक कम्बल पहुँचायें।
सुख की असीम अनुभूति तो तब हुई जब एक बुज़ुर्ग व्यक्ति, जो हाइवे पुल के नीचे पोलिथिन को अपने नीचे बिछाकर सोने की कोशिश कर रहा था, उनको जब कम्बल दिया तो उनकी आँखें भर आयी, ऐसे और भी कई लोग स्टेशन व रामलीला रॉड के किनारे मिले। इन सब के कम्बल पाकर दुआ से हाथ उठा गए.. वह इन्हें दुआ से नवाज रहे थे, ‘ईश्वर तुम्हे सदा ख़ुश रखे, तुम्हारी झोली इमदाद और रहमतों से भरे रहे । मणिशंकर ने बताया कि उनकी संस्था सर्दियों में इसी तरह कम्बलों का औचक वितरण करेगी।