Etawah News : यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर बना 50 गाँवों के लिए खतरा

ब्यूरो संवाददाता
इटावा : यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते जलस्तर का असर जनपद में व्यापक रूप में दिखाई देने लगा है। यमुना खतरे के निशान कुछ ही सेंटीमीटर दूर है। नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से किनारे रहने वाले निचले इलाकों के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन भी यमुना में पल पल बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए पूरी तरह से सजग और सतर्क है। रविवार को यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर दूर बताया जा रहा है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 12 घंटे में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। जिला प्रशासन दावा किया है बाढ़ से राहत के लिए उस तरीके से तैयार है। अधिकारी लगातार बैठक करके यमुना नदी के बढ़ते हुए जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं।
यमुना नदी का जलस्तर 120 मीटर पार कर गया है। यमुना नदी का चेतावनी बिंदु 120.92 मीटर है। यमुना खतरे का निशान 121.92 है। करीब 50 गांव में पानी घुसने का खतरा जताया जा रहा है। जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। बाढ़ चौकियों का सृजन कर दिया गया है। राजस्व कर्मियों, पशु पालन विभाग के कर्मियो, स्वास्थ्य विभाग कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। प्रशासनिक अधिकारी गांव वालों के संपर्क में बने हुए हैं। प्रधानों के जरिए लगातार वार्ता की जा रही है। यमुना नदी के बढ़ते हुए जलस्तर को देखने के लिए इलाकाई लोग नदी के किनारे पहुंचना शुरू हो गए हैं।
एडीएम अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया बाढ़ के संबंध में जो हमारी तैयारियां हैं वह लगभग पूरी हो चुकी है। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को बता दिया गया है। जिले में चंबल यमुना दोनों नदियों का लेवल लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है। जिले की 2 तहसीलें बाढ़ में प्रभावित होती हैं चकरनगर, इटावा सदर इन दोनों ही तहसीलों में लगभग तैयारियां कर ली गई है। बाढ़ प्रभावित करीब 40 गांवों के लोगों को चेतावनी दे दी गई है। हमारी तैयारी पूरी है अगर जलभराव की समस्या बनती है तो प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत चौकियों में ठहराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उनको राशन भी उपलब्ध करवाया जाएगा। दोनों ही तहसीलों के निचले स्तर वाले गांव को चयनित कर लिया गया है। और जो भी डूबने की कंडीशन में आ सकते हैं उनको भी चिन्हित किया गया है। लगभग आधा सैकड़ा गांव ऐसे हैं जिनमे पानी की समस्या हो सकती है। लोगों को बता दिया गया है कि आपको किस तरीके से सूचना दी जाएगी और तत्काल आप लोगों को शिफ्ट करना है उन लोगों का इसमें सहयोग मिल रहा है। जिले की दोनों तहसील क्षेत्रों में करीब 24 बार चौकियां प्रभावी हैं इसके अलावा 24 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। सभी जगह अलग-अलग विभागों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसमें राज्य स्वास्थ पशु चिकित्सा के द्वारा ड्यूटी लगाई गई है।