Bihar News–अब्दुल जब्बार अंसारी का इंतकाल,नमदीदा सैंकड़ो लोगों ने किया सुपुर्द ए खाक

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
वैशाली/महुआ।वैशाली जिले के महुआ प्रखंड के गोविंदपुर सिंघाड़ा गांव बाशिंदा व रेलवे के आर एम एस विभाग के सेवानिवृत्त कर्मी अब्दुल जब्बार अंसारी(73 साल लगभग)का इतवार को देर रात एक बजे लगभग अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद इंतकाल हो गया।इंतकाल की खबर से गम की लहर दौड़ गई।
सुबह से ही घर पर आखरी दीदार के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।सोमवार को बाद नमाज असर नमाज ए जनाजा मुफ्ती अली रज़ा मिस्बाही की इमामत में हुई।जिसके बाद सैंकड़ो नमदीदा लोगों ने स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया।इनके अच्छे अखलाक से हर कोई मोतास्सिर था।जिसकी वजह से नमाज ए जनाजा में हर मकतबे फिक्र के सैंकड़ो लोगों ने शरीक होकर दुआ ए मगफिरत की।लोगों की माने तो ये काफी बेबाक,मिलनसार और खुश अखलाक इंसान थे।यूं कहें तो हर दिल अजीज भी।इनके परिवार में तीन बेटा,दो बेटी है।यह 2009 में बरौनी जंक्शन के रेलवे आर एम एस विभाग के कर्मी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।यह जब भी अपनी ड्यूटी के लिए जाते तो गांव के बहुत लोग इनको रेलवे का टिकट रिजर्वेशन कराने के लिए रूपया देता और पूरी इमानदारी के साथ यह टिकट रिजर्वेशन करा कर लाते।यह जब घर से अपनी साइकिल से चलते तो जन्दाहा में अब्दुल जलील मरहूम(चप्पल दुकान)के यहां जरूर रूकते।यहां से चलकर शाहपुर पटोरी स्टेशन के पास मोहम्मद अख्तर इदरीसी निवासी सरमस्तपुर के सिलाई दुकान पर अपनी साइकिल रख देते और ट्रेन से बरौनी के लिए रवाना होते।बरौनी से जब लौटते तो रास्ते भर सबसे मिलते जुलते घर लौटते थे।इनका अंदाज सबसे दोस्ती न केहू से बैर वाला था।अपने जिंदगी को जिंदादिल इंसान के तौर पर जीया।पूरे परिवार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।परिवार के लोगों को बड़ी जिम्मेदारी देकर चले गए।जिसे कौन निभाता है यह आने वाले वक्त में देखने को मिलेगा।लोगों ने कहा कि गोविंदपुर सिंघाड़ा में मुसलमानों के लिए एक गार्जियन थे जो अब नहीं रहे।सभी से दुआ ए मगफिरत की दरख्वास्त है।