Agra : डॉ कफ़ील खान की रिहाई के लिए 22 जुलाई से 12 अगस्त तक महा अभियान

संवाददाता प्रताप सिंह आजाद । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी के निर्देश पर अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम के नेतृत्व में डॉ कफ़ील खान की रिहाई के लिए 22 जुलाई से 12 अगस्त तक महा अभियान चल रहा है। आगरा में प्रेस से बात करते हुए मोहम्मद राशिद महासचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग प्रभारी आगरा मंडल ने कहा इस दैरान हस्ताक्षर अभियान के तहत क़रीब 5 लाख लोगों ने डॉ कफ़ील की रिहाई की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर किया है।
5 हज़ार से ज़्यादा आम लोगों ने वीडियो संदेश के माध्यम से योगी सरकार से डॉ कफ़ील को फ़र्ज़ी मुक़दमों में जेल में बंद रखने का विरोध कर उनकी रिहाई की मांग की है। हज़ारों लोगों ने रक्तदान करके भी डॉ कफ़ील की रिहाई की मांग की है।
कहा कि अजय सिंह बिष्ट उर्फ़ योगी आदित्यनाथ ने डॉ कफ़ील को ज़मानत पर रिहा न करके सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश की अवमानना की है जिसमें उसने सात साल से कम की सज़ा वाले मुक़दमों में ज़मानत देने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में 13 बार सुनवाई की तारीख का टलना साबित करता है कि मुख्यमंत्री एक योग्य डॉक्टर को अपनी व्यक्तिगत कुंठा के कारण कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी जेल में रख कर आम मरीज़ों के साथ अन्याय करने पर बेशर्मी से अड़े हैं। जबकि आज प्रदेश डॉक्टरों की भयानक कमी से जूझ रहा है और हज़ारों लोग कोरोना के कारण मौत के मुहाने पर खड़े हैं।
मोहम्मद आरिफ सचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग ने कहा कि अजय सिंह बिष्ट सरकार ने डॉ कफ़ील से व्यक्तिगत रंजिश के तहत उन्हें फ़र्ज़ी मुक़दमों में फंसाया है क्योंकि उन्होंने गोरखपुर सरकारी अस्पताल में योगी के संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था।कहा कि योगी जी ने मुख्यमंत्री बनते ही कहा था कि अपराधी जेल में होंगे। लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे संगीन मुक़दमों को हटा कर खुद को जेल जाने से बचा लिया और कफ़ील जैसे निर्दोष को जेल में डाल दिया। जिससे उनकी कथनी और करनी का फर्क उजागर हो जाता है।कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस डॉ कफ़ील समेत उन सभी अल्पसंख्यकों के न्याय के लिए संघर्ष करने को संकल्पित है जिनपर सीएए- एनआरसी विरोधी आंदोलनों में सरकार ने मुक़दमे लादे हैं।