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Prayagraj News:स्वयंप्रभा चैनल से सुदूरवर्ती शिक्षार्थियों तक पहुंच आसान- प्रोफेसर सत्यकाम

रिपोर्ट विजय कुमार

 

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में गुरुवार को सेंटर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन के तत्वावधान में स्वयंप्रभा के लिए वीडियो सामग्री विकसित करने पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि वर्तमान समय में ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में स्वयंप्रभा का महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि इस प्लेटफार्म द्वारा सुदूरवर्ती शिक्षार्थियों तक हम अपनी पहुंच आसान बना सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे कम से कम एक-एक वीडियो लेक्चर अवश्य तैयार करें। साथ ही शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्वयंप्रभा के लिए विषयवस्तु तैयार करते समय वे अन्य विषय विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं।


इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि यूजीसी से 12 बी की मान्यता मिलने के बाद शिक्षकों के लिए विकास के नए अवसर सामने आ गए हैं। जिसका उन्हें पूरा लाभ उठाना चाहिए। अब वह अपनी रुचि के अनुसार अनुसंधान परियोजनाओं का संचालन कर सकते हैं। जिसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से उन्हें सहायता प्राप्त होगी। इसके साथ ही नए और नवाचारी पाठ्यक्रम शुरू करने एवं छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार मौजूदा पाठ्यक्रमों को संशोधित कर उसे अद्यतन करने में सहायता मिलेगी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से आए रिसोर्स पर्सन एवं मुख्य वक्ता डॉ निराधर डे ने स्वयंप्रभा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि स्वयंप्रभा की शुरुआत डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत 9 जुलाई 2017 को शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई। इसका मुख्य उद्देश्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षार्थियों तक सुगम और सहज तरीके से शिक्षा को पहुंचाना है। उन्होंने स्वयंप्रभा पर विषयवस्तु से संबंधित वीडियो के निर्माण हेतु विभिन्न स्तरों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया । उन्होंने कहा कि स्वयंप्रभा पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 40 चैनल उपलब्ध हैं और इन 40 चैनलों द्वारा लगभग 120600 वीडियो लेक्चर्स विभिन्न शैक्षणिक विषयों पर अपलोड किए गए हैं। मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए स्वयंप्रभा पर शैक्षणिक वीडियो सामग्री चौनल नंबर 14 पर प्रसारित किया जाता है।
स्वयंप्रभा के नोडल अधिकारी प्रोफेसर ए के मलिक ने सभी अतिथियों का वाचिक स्वागत किया तथा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्ञान प्रकाश यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिनेश कुमार गुप्ता ने किया।

Prayagraj News: Easy access to remote learners through Swayamprabha channel – Professor Satyakam
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में रिसोर्स पर्सन एवं विशिष्ट वक्ता डॉ ज्योत्सना दीक्षित, अपर निदेशक, एन सी आई डी ई , इग्नू , नई दिल्ली ने अपने वक्तव्य में स्वयंप्रभा पर वीडियो सामग्री के लिए शैक्षणिक योजना के अंतर्गत पीपीटी के माध्यम से वीडियो सामग्री निर्माण, उसके प्रकार और उससे निकलने वाले परिणामों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर की गयी। कार्यशाला का समापन शुक्रवार को होगा।

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जनवाद टाइम्स