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MahaKumbha Nagar Prayagraj News : वसुधैव कुटुंबकम नृत्य प्रस्तुति की गूंज पूरे विश्व मे जाएगी

रिपोर्ट विजय कुमार

10वां भारतीय व अंतरराष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत महोत्सव का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में गंगा पण्डाल सेक्टर 1 में किया गया। महोत्सव के दूसरे दिन भारत के साथ बांग्लादेश, फिज़ी, किर्गिस्तान, मलेशिया , मालदीव, मंगोलिया, रसिया, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम देश के कलाकारों ने गायन और नृत्य का अनुपम परिचय दिया। पहली प्रस्तुती के रूप में सभी देशों के कलाकारों ने भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुंबकम नाम से एक समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे प्रसिद्ध नृत्य निर्देशिका रानी ख़ानम ने निर्देशित किया था। उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के कलाकारों ने अपना पारंपरिक गीत प्रस्तुत कर सभी को लुभाया। उसके बाद वियतनाम के कलाकारों ने उनका विशेष नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसे सभी ने खूब पसंद किया। मालदीव देश से आये कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत किया जिसे देखकर सभी आनंदित हुए। मालदीव के बाद मंगोलिया से आये कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुति से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। बांग्लादेश से आये कलाकारों ने शिव स्तुति कर भगवान भोलेनाथ को समर्पित नृत्य माला प्रस्तुत किया जिसे देखकर सभी दर्शक मोहित हो गए। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में सभी 11 देशों के कलाकारों ने एक साथ नृत्य प्रस्तुत कर सभी दर्शकों को अभिभूत कर दिया।

कार्यक्रम की अगली प्रस्तुती के रूप में पद्मश्री संगीथा कलानिधि की पुत्री सुश्री सिक्की माला चंद्रशेखर ने अपने बांसुरी वादन से मंच की शोभा बढ़ाई। वायलिन, मृदंगम और घटम के साथ बांसुरी की उनकी प्रस्तुति को बहुत पसंद किया गया। सबसे पहले भगवान गणेश को समर्पित आदिशंकराचार्य द्वारा रचित गणेश पंचाक्षर स्त्रोत को बांसुरी के माध्यम से प्रस्तुत किया। उसके बाद राग नागास्वर्णी में श्री शंकर गुरुवर की प्रस्तुति की गई। राग रेवती में भो शम्भू शिव शम्भू की प्रस्तुति की गई। तुंग तरंगे गंगे गीत को बांसुरी के माध्यम से सुनकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में गुरु केलुचरण मोहापात्रा की शिष्या एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित शर्मिला विश्वास अपने ओडिसी नृत्य संयोजन से सभी को मोहित कर दिया। अपनी प्रथम प्रस्तुति ध्वनि प्रतिध्वनि प्रस्तुत किया जिसमें महेश्वर भगवान शिव की स्तुति की गई है और ये प्रदर्शित किया है कि भगवान नटराज का नृत्य अग्नि के समान है तथा उनका उनका डमरू की ध्वनि ब्रह्मांड की ध्वनि है। ब्रह्मांड में उठने वाले सभी ध्वनि इसकी ध्वनि की प्रतिध्वनि है। इसके बाद उन्होंने पशुपतिनाथ भगवान भोलेनाथ को अभिकेंद्रित कर ओडिसी नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति दी जिसमे यह इंगित किया गया है भगवान शिव ही सभी जीवों के जनक और संरक्षक हैं।MahaKumbha Nagar Prayagraj News: Vasudhaiva Kutumbakam dance presentation will echo across the world.

कार्यक्रम के अंत मे संस्कृति विभाग के संस्कृति विभाग के नोडल अधिकारी डॉ० सुभाष चन्द्र यादव एवं संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशासी श्री कमलेश कुमार पाठक ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्रम तथा प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्यक्रम निदेशक श्री अमित कुमार एवं श्री अरविंद कुमार तथा कार्यक्रम अधिकारी श्री उत्कर्ष अग्रवाल, श्री सुनील कुमार विश्वकर्मा, श्री विशाल विक्रम, श्री सूरज कुमार, की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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जनवाद टाइम्स