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Mahakumbha Nagar Prayagraj News महाकुंभ प्रयागराज 2025: मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान

रिपोर्ट विजय कुमार

महाकुंभ प्रयागराज 2025 के प्रथम अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर देश-विदेश और प्रदेशभर से आए 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। स्नान का सिलसिला देर रात से शुरू होकर पूरे दिन जारी रहा।

अखाड़ों की भव्य शोभा यात्रा आकर्षण का केंद्र
मकर संक्रांति के अवसर पर अखाड़ों की भव्य शोभा यात्रा श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण बनी। 13 अखाड़ों ने पारंपरिक अनुशासन में संगम तट की ओर प्रस्थान किया और अपने निर्धारित क्रम में पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। नागा साधुओं का परंपरागत वेशभूषा, डमरू की ध्वनि, अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और युद्ध कौशल श्रद्धालुओं को रोमांचित करता रहा।

किन्नर अखाड़ा, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में हर-हर महादेव के नारों के साथ शोभा यात्रा में शामिल हुआ और अमृत स्नान कर समाज और मानव कल्याण की कामना की।

हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा
प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं और अखाड़ों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। गुलाब की पंखुड़ियों से की गई इस पुष्पवर्षा ने श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए इस प्रबंध की श्रद्धालुओं ने सराहना की।

स्नान और व्यवस्थाएं
महाकुंभ-2025 के इस आयोजन में देश के सभी राज्यों और दुनिया के कई देशों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया। स्नानार्थियों ने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। मकर संक्रांति के दिन स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व होने के कारण श्रद्धालुओं में अद्भुत उत्साह देखा गया।

सुरक्षा और स्वच्छता के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की व्यवस्थाएं काबिले-तारीफ रहीं। सभी स्नान घाटों पर सफाई कर्मी और पुलिसकर्मी तैनात रहे। अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी श्री सुजीत पांडेय, पुलिस आयुक्त श्री तरुण गाबा, मण्डलायुक्त श्री विजय विश्वास पंत, मेलाधिकारी श्री विजय किरन आनंद और एसएसपी महाकुंभ श्री राजेश द्विवेदी सहित तमाम अधिकारी व्यवस्थाओं की निगरानी में जुटे रहे।

Mahakumbha Nagar Prayagraj News महाकुंभ प्रयागराज 2025: मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान

महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ 2025 आध्यात्म, आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यह आयोजन धार्मिकता के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का संगम भी प्रस्तुत करता है। श्रद्धालुओं ने न केवल संगम की पवित्रता का अनुभव किया, बल्कि प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कुशल प्रबंधन की प्रशंसा भी की।

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जनवाद टाइम्स