संवाददाता आशीष कुमार
इटावा: समाधान दिवस अब सूने सूने होने लगे हैं शिकायतों की संख्या दिन प्रतिदिन घटने से ऐसा प्रतीत होता है कि अब लोगों का समाधान दिवस पर विश्वास कम हुआ है। यहां तहसील सभागार में आयोजित समाधान दिवस में मात्र 5 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें एक का भी निस्तारण नहीं हो सका है।
उप जिलाधिकारी ज्योत्सना बंधु की अध्यक्षता में आयोजित समाधान दिवस में कोकावली गांव से स्वयं सहायता समूहों की सीमा, बेवी, प्रियंका, सरोज, सुधा, सोना देवी, अंगूरी इत्यादि दर्जन भर महिलाएं नारेबाजी करते हुए पहुंचीं उन्होंने समूह योजना की बीआरपी पर किसी भी स्कीम का लाभ न मिलने देने सहित अभद्रता के आरोप लगाए। महिलाओं का कहना था कि डेढ़ साल पहले समूहों समूहों से जुड़ी हैं और सफलतापूर्वक संचालित करने का प्रयास कर रही हैं किंतु उनकी देखरेख के लिए नियुक्त बीआरपी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने देती हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। यह भी कहती हैं कि तुम्हें किसी योजना का लाभ नहीं लेने देंगे तुम जो कर सको सो कर लेना खूब उच्चाधिकारियों से शिकायत करो उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। बाद में समूहों की महिलाओं ने काफी देर तक हंगामा किया और वहां मौजूद एडीओ समाज कल्याण व बीआरपी रेनू ने उनको शिकायत करने से रोकने की कोशिश करते हुए समझाया लेकिन महिलाएं नहीं मानी और अपनी शिकायत की।
महलई गांव के अतर सिंह शाक्य ने शिकायत की कि मोहब्बतपुर नगला भगत स्थित उनके खेत पर चकरोड में खोदे गए नाले में गांव का गंदा पानी जाता है जिससे उनकी फसल को नुकसान होता रहता है। वहां कुछ लोग बांध लगा देते हैं जिससे पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में भर जाता है। अभी उनकी आलू की फसल में काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बांध खुलवाने की मांग की है। कोकावली गांव की सिमरन ने गरीबी का रोना रोते हुए उसका नाम प्रतीक्षा सूची में होने के बावजूद आवास न मिलने की शिकायत की।
समाधान दिवस के अवसर पर तहसीलदार रामानुज व पुलिस क्षेत्राधिकारी रमेश चंद्र सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।