Etawah News: एक किडनी वाले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा

संवाददाता: मनोज कुमार
जसवन्तनगर (इटावा): हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनियां (गुर्दे) होती हैं मगर जसवन्तनगर क़स्बे के राजकुमार गुप्ता के शरीर में जन्मजात एक किडनी ही आई थी और इन्होंने एक इसी के दम पर अपनी पूरी ज़िन्दगी काट दी। सोमवार शाम जब वे अपने जीवन के 60वे बसंत में थे, शाम के समय उन्हें हार्ट अटैक आया और वे जिंदगी से हार गए।
यहाँ के मोहल्ला कटरा पुख्ता निवासी राजकुमार गुप्ता, जो जग मामू के नाम से प्रसिद्ध थे। छोटे-बड़े, बूढ़े कोई भी उनको उनके नाम से ना जानकर मामू कहकर ही बुलाते। बताते है कि जन्म के 7 माह के बाद जब वे बीमार पड़ने लगे तो उनके पिता स्व. शान्ती गुप्ता घरवालों को डॉक्टर्स ने बताया कि आपके बेटे के शरीर में केवल एक किडनी है। सेवानिवृत सरकारी डॉक्टर राजीव गुप्ता बताते हैं कि दुनियां में लाखों लोगों में एक-दो ही ऐसे पैदा होते हैं जिनको जन्मजात एक ही किडनी आती है। ऐसे लोगों की जिंदगी मुश्किल तब होती है, जब वे 40-45 की उम्र पर पहुंचते है।
स्व. मामू उम्र के पड़ाव पार करते हुए गल्ले की आढ़त का व्यवसाय संभाले हंसमुख अंदाज में अपनी जिंदगी बिताते रहे। उनको भगवान ने दो बेटियां ही दी थीं, कोई बेटा नही था, हालांकि उनके भाइयों के बेटे थे, मगर वे कहते थे कि मेरी बेटियां ही मेरे बेटे हैं। आज जब उनकी अर्थी उठने को हुई तो उनकी दो बेटियां जुटी भीड़ के बीच आकर बोली कि हम दोनों ही अपने पापा का अंतिम संस्कार करेंगे। बाद में जब अर्थी उठी, तो दोनो बेटियों ने भरी आंखों के साथ पापा को कांधा दिया और शांति वन पहुंच चिरनिद्रा में लीन पिता को मुखाग्नि दी। बेटियों को कन्धा देता देख हर किसी आँख नम हो गई।