Bihar News-ग्राम कचहरी पंच सरपंच, मुखिया ,पंचायत समिति के अधिकारों में कटौती के खिलाफ संघर्ष करेगा पंच सरपंच संघ

- संवाददाता -राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर ।
लोकसभा चुनाव 2024 में पंचायत प्रतिनिधियों से एनडीए को बहिष्कार करने का आह्वान
बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के राज्य अध्यक्ष गोपाल पासवान, संरक्षक विशेश्वर प्रसाद यादव, प्रधान महासचिव विनोद कुमार सिंह प्रवक्ता मुकेश कुशवाहा, अरुण ठाकुर, पूनम भारती, गुड़िया कुमारी, राकेश कुमार, प्रमोद कुमार राय ने संयुक्त बयान जारी कर ग्राम कचहरी पंच सरपंच, मुखिया, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों के अधिकारों में राज्य सरकार द्वारा लगातार कटौती के खिलाफ एक ताबद्ध होकर संघर्ष छेड़ने और 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
संघ के नेताओं ने कहा कि महागठबंधन के सरकार के दौर में कई राउंड की वार्ता पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम से हुई थी, उससे पहले एनडीए सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से भी बढ़ता हुई थी, सम्राट चौधरी जी ने पंचायती राज संस्थाओं की समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया था, परंतु महागठबंधन सरकार के काल में स्थितियों में सुधार का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास अग्रसारित किया गया था, परंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिल्कुल अ लोकतांत्रिक और तानाशाह है, इन्होंने संघ के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता के लिए समय नहीं दिया, किसी भी लोकतांत्रिक राजनेता को प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करना और संभव मांगों को पूरा करने का आश्वासन देना होता है, परंतु नीतीश जी वार्ता करने से ही इनकार करते रहे, अब तो नीतीश कुमार संविधान और लोकतंत्र समाप्त करने वाले भाजपा की मोहरा बन चुके हैं, इनसे कोई उम्मीद नहीं बची है, ग्राम पंचायत मुखिया के भी अधिकारों में भारी कटौती की गई है।
बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ सभी पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानजनक मानदेय, और महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपना को साकार करने हेतु संपूर्ण अधिकार देने की मांग करता है, जबकि एनडीए की सरकार लगातार अधिकारों में कटौती कर रही है, ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ता और सुलभ न्याय देने वाले ग्राम कचहरी के पंच और सरपंचों को तो और भी हिकारत की नजर से देखा जाता है, 2006 से ही जिन मांगों को पंच सरपंच संघ उठाते रहा है किसी को भी पूरा नहीं किया गया, संघ के नेताओं ने सभी ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को एक ताबद्ध होकर इस फासीवादी निजाम के खिलाफ संघर्ष तेज करने और 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को बहिष्कार करने का आह्वान किया है,