Bihar news गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जीएनएम व मेडिकल इंटर्नशिप छात्रों के बीच बना हिंसात्मक रणक्षेत्र

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
पश्चिम चम्पारण के बेतिया में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज को दवा लिखने को लेकर मेडिकल के इंटर्नशिप छात्रों एवं जीएनएम के बीच हुए विवाद में देखते ही देखते जीएमसीएच रण क्षेत्र में बदल गया। मामला दोपहर के 12 बजे के लगभग की है। कई बार मेडिकल छात्रों और जीएनएम के बीच हुई जमकर मारपीट घंटों चली तथा इसमें करीब 9 लोग घायल हो गए। बताया जाता है कि इस आपसी रण में चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। पूरे जीएमसीएच में दोनों पक्षों के बीच हाथापाई के साथ लोहे के राॅड और लोहे की बनी एंगल और लाठी फट्टा व ईंट पत्थर जमकर चली।पूरे अस्पताल से लेकर आने जाने वाले मार्गों पर भी जमकर भागा भागी व मारा-मारी होती रही। इस बीच इमर्जेंसी वार्ड के केबिनों में भी तोड़ फोड़ की गई। कोई किसी की सुनने व समझने को तैयार नहीं था सभी सिर्फ रणभूमि में रण क्षेत्र समझ कर एक दूसरे पर वार कर रहे थे। इस बीच अस्पताल प्रशासन भी कहीं नजर नहीं आई जबकि विवाद कहीं बाहरी से नहीं बल्कि जीएनएम व इंर्टन्स छात्रों में ही था। अस्पताल की बदली स्थिति और डाक्टर से लेकर कर्मचारियों के निकलने से मरीजों में भय बन गया और मरीजों को लेकर परिजन भागते देखें गए। वहीं जिले के सुदूर क्षेत्रों से आए एंबुलेंस पर मरीजों को भी निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ा।
वहीं सूचना पर नगर थाना सहित कई थानों की पुलिस भारी संख्या में अस्पताल पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस दरम्यान दोनों पक्षों के उग्र रूप को देखकर पुलिस भी पीछे होते देखे गए। फिर भी पुलिस ने अपना मोर्चा संभालें रखा।
स्थिति नियंत्रित होने के पश्चात जीएमसीएच के प्राचार्य डाॅक्टर परशुराम युगल एवं अस्पताल उपाधीक्षक डाॅक्टर श्रीकांत दूबे के साथ अस्पताल के अन्य अधिकारी व डाॅक्टर आए। तब जाकर सभी घायलों का इलाज शुरू किया गया। घायलों में जीएनएम के रंजीत राठौर, सत्तन, जितेन्द्र, विशाल, अब्दुल समद, मनोज लाटा, बाबूलाल कुमावत सहित दो महिला शामिल हैं।
हालांकि इस हिंसात्मक विवाद के पश्चात अपने घायल सहकर्मियों के लिए जीएनएम के सभी सदस्यों ने जीएमसीएच के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए और इंटर्नशिप छात्रों की रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग पर अड़े रहें। इस दरम्यान अस्पताल में इलाज का कार्य समाचार लिखें जाने तक ठप रहा। वहीं पूरा अस्पताल पुलिस छावनी बना रहा। जीएमसीएच के चप्पे चप्पे पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती देखी गई।
हालांकि अनुमंडल पदाधिकारी सदर विनोद कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर मुकुल परिमल पांडेय, अपर अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार एवं काॅलेज प्राचार्य परशुराम युगल अस्पताल में पहुंच कर दोनों पक्षों की बातों को सुनने और विवाद की तह तक पहुंचने का प्रयास करते दिखें। साथ ही यह प्रयास करते दिखें कि दोनों पक्षों में किसी तरह सुलह कराकर अस्पताल में इलाज सुचारु किया जाए।
बताते चलें कि जीएमसीएच मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्था मिला देने के कारण भी यहाँ कि स्थिति हमेशा टकराव पूर्ण रहती है। साथ ही साथ यहाँ की कुव्यवस्था और डॉक्टरों की अनुपस्थिति हमेशा सुर्खियों में रहती है। साथ ही साथ रात दिन यहाँ दलालों का वर्चस्व भी हमेशा दिखाई देती है जो कि इलाज में लूट को बढ़ावा देते देखे जाते हैं।
साथ ही यहाँ आए भोले भाले मरीजों को भी बहला फुसलाकर मोटी कमीशन के लिए अवैध नर्सिंग होम के फर्जी डॉक्टरों तक भी दलालों के द्वारा पहुंचाया जाता है।