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Bihar news अररिया पुलिस की चेहरे यहां सिर्फ छिटपुट बदमाशों को पकड़ती है पुलिस आखिर शहर के चर्चित हत्याकांडो की कब सुलझेगी की गुत्थी

मंटू राय संवाददाता अररिया

अररिया जिला के नरपतगंज पुलिस अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए दावे तमाम किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इसकी ठीक उल्टी है जिला पुलिस ऑपरेशन तमंचा या फिर एक साल में अपराध में संलिप्त बदमाशों के डोजियर भरवाने जैसे अभियान चलाकर छिटपुट बदमाशों पर शिकंजा कसकर अपनी पीठ थपथपा ले रही है लेकिन शहर एक नहीं बल्कि कई चर्चित हत्याकांडो के वर्षों बीत जाने के बाद भी पुलिस गुत्थी सुलझा पाना तो दूर पुलिस इस मामले में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी तक नहीं कर सकी ढिलाई का आलम यह है कि आज भी इन मामले में न्याय की उम्मीद लिए परिजन पुलिस अधिकारियों से शिकायती पत्र लेकर दर -दर की ठोकरे खा रहे है।

बीते पांच दिसंबर 2020 को सुपौल जिले जदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत कोरियापट्टी पूरव निवासी मोहम्मद कामिल के पुत्र मोहम्मद रेहान उर्फ टिपू को हत्याकांड के बाद उसके भाई ने अररिया एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई थी इसके बाद कोई कार्यवाई नहीं हुई नरपतगंज पुलिस का कहना है कि कल संख्या 534/ 2020 दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है अन्य आरोपित पर जांच चल रहा है जब हमारे संवाददाता ने कांड को 1 साल बीत जाने के बाद कहीं तो नरपतगंज थाना प्रभारी भड़क गए और कहां आप कौन हैं पूछने वाले आप मेरे एसपी या डीएसपी है अगर केस आयोग विस्तार करने में देरी कर रही है तो उनके ऊपर कार्यवाई की जाएगी साहब मान भी लिए कि आपके सहयोग पर कार्रवाई करेंगे लेकिन उनके कार्रवाई से पहले आप चारों को गिरफ्तार कर लिए होते तो आज मृतक भाई दर दर की ठोकर नहीं खाते।

Bihar news अररिया पुलिस की चेहरे यहां सिर्फ छिटपुट बदमाशों को पकड़ती है पुलिस आखिर शहर के चर्चित हत्याकांडो की कब सुलझेगी की गुत्थी

न्यूज़ 5 दिसंबर 2020 में हुई थी हत्या अररिया जिले के नरपतगंज थाना के मृदुल गांव में सब बरामद हुआ था इसके बाद अपरदन पुलिस ने मोहम्मद रेहान उर्फ दीपू कश्यप को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करते हैं उनके परिजनों को सौंप दिया उस काल में गांव के ही मोहम्मद सुल्तान व विपिन यादव समेत पांच लोगों आरोप लगाया वारदात को करीब 12 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है परिजनों का आरोप है कि पुलिस की जांच शुरू से ही शिथिल रही है पुलिस ने आरोपियों को थाने बुलाकर साथ बैठते और आरोपियों को खुलेआम घूम रहे हैं हद तो इस बात की है अररिया पुलिस कर रहे है आप पुछने वाला कोन है साहब अगर कार्रवाई नहीं करेंगे तो सवाल तो फिर आपसे ही होगी सवाल यही नहीं है अररिया पुलिस कर रही है कांड की जांच की जा रही थानेदार साहब 1 वर्ष हत्या को होने जा रहे हैं।

Bihar news अररिया पुलिस की चेहरे यहां सिर्फ छिटपुट बदमाशों को पकड़ती है पुलिस आखिर शहर के चर्चित हत्याकांडो की कब सुलझेगी की गुत्थी

अब तक कहाॅ थे आप की जांच नहीं हुई है केसा जांच आप कह रहे हैं कि साल बीत गए शायद थानेदार साहब को मालूम नहीं है कि जांच उस कार्ड में होता है जो कार्ड में हत्यारे अज्ञात होते हैं जबकि इस कांड में मृतक के भाई ने सात नामजद आरोपी बनाया है डीजीपी साहब आपकी पुलिस की करतूत देखिए जब मामले की जानकारी के लिए जब पत्रकार फोन आपके पुलिस तो करता है तो आपकी पुलिस कहते हैं आप कौन हैं पूछने वाले जबकि अररिया डीएसपी फोन तक नहीं रिसीव करते हैं डीजीपी साहब कब तक उनके इंसाफ मिलेगा जिन्होंने महरुम बेटे का शव अपने कंधे पर लेकर कब्रिस्तान में दफन किया है कहा है आपकी कानून की राज ऐसी पुलिस पदाधिकारी पर कब तक कार्रवाई होगी जो जांच करने में 1 वर्ष लगा देते हैं मामले में अररिया एसपी से पूछा गया उन्होंने बताया कि कल ऑफिस के समय कांड संख्या देख लिया जाएगा

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