Bihar news देवराज इंद्र के प्रकोप से लोक -जीवन बचाने को ले होती है श्रीकृष्ण की अन्नकूट पूजा: गरिमा

संवाददाता. मोहन सिंह बेतिया
नगर के लालबाजार स्थित श्री गोपी-कृष्ण पंचायत मंदिर में शुक्रवार को देर शाम अन्नकूट पूजा का आयोजन पारम्परिक हर्ष-उल्लास के बीच आयोजित किया गया। इस त्योहार में शामिल होकर नगर के सैकड़ों गणमान्य व आम श्रद्धालुओं ने भी प्रसाद ग्रहण किया। इस आयोजन में मन्दिर संचालन समिति के अध्यक्ष रोहित सिकारिया, सचिव गोपाल केडिया व कोषाध्यक्ष शंकर नाई के साथ सभी सदस्य विशेष रूप से सक्रिय देखे गये।
पूजन समारोह व प्रसाद वितरण के लिये विशेष रूप से उपस्थित नगर निगम की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया विशेष रूप से शामिल रहीं। इस मौके पर जूटे श्रद्धालुओं के बीच श्रीमती सिकारिया ने अन्नकूट पूजा का पौराणिक महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि यह पूजा लोकजीवन में रचे बसे भगवान श्रीकृष्ण लोकोपकार से जुड़ी एक पौराणिक घटना को लेकर की जाती है। जिसके बारे में बताया जाता है कि ब्रजवासियों के द्वारा श्रीकृष्ण के साथ देवराज इंद्र की पूजा नहीं करने पर वे एकबार कुपित हो गए।
तब लगातार वर्षा के प्रकोप से त्राहि त्राहि कर उठे जन जीवन के रक्षार्थ और देवराज इंद्र का मानमर्दन करने के लिये भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा अंगुली पर ही विशाल गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। श्रीकृष्ण के गोवर्धन पर्वत धारण कर लेने के बाद उसके नीचे सुरक्षित हो गये। श्रीमती सिकारिया ने कहा कि ऐसा करके भगवान श्रीकृष्ण द्वारा लोकजीवन की सुरक्षा और उनके सम्पूर्ण हितों की रक्षा की। इसको लेकर ब्रज व गोकुल वासियों कार्तिक शुक्ल पक्ष एकम को श्रीकृष्ण की अन्नकूट पूजा की थी। इसी की याद व खुशी में प्रत्येक वर्ष अन्नकूट पूजा की जाती है। जिसमे भगवान श्रीकृष्ण के लोक रक्षक व्यक्तित्व को लेकर उनकी विशेष अन्नकूट पूजा होती है। मौके पर कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमोद सिंघानिया, रवि सिंघानिया, अंजनी जोशी, सुभाष उदयपुरिया, सुभाष रूंगटा, संजय जैन, अमित लोहिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।