श्रद्धांजलि : अटल बिहारी वाजपेई

श्री अटल बिहारी जी की पुण्यतिथि पर मेरे श्रद्धा सुमन : जय मोहन प्रयागराज
आगरा के बटेश्वर में 25 दिसंबर 1924 का दिन निराला था
कृष्ण बिहारी कृष्णा का जन्मा राजदुलारा था
प्यार से पिता ने अटल बिहारी नाम धराया था
इन्हें लेकर वो ग्वालियर जा बसे थे
यही से अटल बी ए तक पढ़े थे
कानपुर के डीएवी से राजनीति शास्त्र में प्रथम पास हुए थे
यहाँ से वे संघ कार्यो से जुड़े थे
देश प्रेम इनकी रग रग में भरा था
इसीलिए वकालत की पढ़ाई को बीच मे ही छोड़ा था
दो बार प्रधानमंत्री बन
देश का सर्वांगीण विकास किया
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से
महानगरों को जोड़ दिया
पोखरण परमाणु परीक्षण कर
दुनियॉ को बताया था
भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न है जताया था
दक्ष वक्ता कुशल कवि स्पष्ट वादी थे
बीच सदन में अविवाहित पर कुँवारा नही कहते थे
प्रथम कविता ताजमहल में तंज कसा था
ये प्यार का नही मज़दूरों के शोषण का महल कहा था
राजकुमारी कौल से अभिन्न आत्मिक मित्रता थी
उनकी बेटी नामित इनकी दत्तक पुत्री थी
पुत्री ने अंत तक साथ निभाया था
2015 में इन्होंने भारत रत्न पाया था
16 अगस्त 2018 के मनहूस दिन आया था
इसी दिन हमने इस महान विभूति को खोया था
तेरे व्यत्तित्व कृतित्त्व को हम न भुला पायेंगे
आप सदा हम भारतवासी को याद आयेंगे
आज आपके अवसान दिवस पर हम याद करते है
अमर रहे अटल सदा शत शत नमन करते है
जया मोहन
प्रयागराज