
सुनील पांडे : वरिष्ठ पत्रकार
केंद्र सरकार द्वारा 15 अप्रैल को खोले जाने वाले लाक डाउन पर कई राज्यों ने अपना विचार हुए कहा है कि अभी हालात ऐसे नहीं है की लाक डाउन को खोला जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार से निवेदन किया है वर्तमान परिवेश में महामारी की इस विषम परिस्थिति में लॉक डाउन को अभी और बढ़ाया जाए। भारत के जिन राज्यों ने लाक डाउन ना खोलने की मांग की है उनमें मध्य प्रदेश, तेलंगाना , उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान प्रमुख हैं। इन राज्यों का कहना है अभी हमारे यहां हालात स्थिर नहीं है, करोना के मरीज दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में लाक डाउन खोलना उचित नहीं होगा। राज्यों द्वारा इन मांगों को देखते हुए केंद्र सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है की लाक डाउन को 15अप्रैल के बाद खोला जाए अथवा नहीं । दुनिया के कई देश कोरोना संक्रमण के विषम दौर से गुजर रहें हैं ,जिनमें इटली अमेरिका ,स्पेन जैसे देशों में हालात अभी भी नाजुक बनी हुई है। चीन में दोबारा कोरोना संक्रमण के वापस लौटने के संकेत मिल रहें हैं । इसे देखते हुए लाक डाउन को तब तक बढ़ाया जाए जब तक इस महामारी पर काबू न पाया जा सके । उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि यदि हमारे यहां एक भी मरीज कोरोना संक्रमण से संक्रमित पाया गया तो हम लाक डाउन ना खोलने पर विचार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है की अर्थव्यवस्था को बाद में भी सुधारा जा सकता है, लेकिन यदि करोना संक्रमण पर
अभी न चेते तो हमें बाद में पछताना होगा। इसके अलावा कई राज्य यह भी कह रहे हैं की लाक डाउन खोलने का निर्णय केन्द्र सरकार को राज्यों की स्थिति पर छोड़ देना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो राज्य अपने स्थिति एवं परिस्थिति के आधार पर लाक डाउन खोलने पर विचार करेंगे। दिल्ली सरकार ने भी लॉक खोलने पर केन्द्र सरकार को पुनर्विचार करने पर जोर दिया है। भारत में अभी भी कोरोना संक्रमण से हालात नाजुक बने हुए हैं, ऐसी स्थिति को देखते हुए लाक डाउन को बढ़ाना ही भारत के पक्ष में होगा, इसमें कोई दो राय नहीं। करोना संक्रमण से संक्रमित विश्व़ के जिन देशों ने इसे हल्के में लिया आज वहां हालात नाजुक बने हुए हैं ,दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर के आँकडे़ बढ़ते जा रहे है। अभी भी समय है भारत वैश्विक स्थिति को देखते हुए जब तक उचित हो लाक डाउन को बढ़ा सकती है।यह सत्य है देश के हालात वर्तमान समय में लाक डाउन को झेलने में समर्थ नहीं है क्योंकि भारत की अधिकांश जनसंख्या गरीबी रेखा के निम्न स्तर पर जीवन यापन कर रही है, लेकिन उनके खानपान को ध्यान रखते हुए सरकार को कुछ इस तरह से कार्य करना चाहिए जिससे कोरोना संक्रमण पर जीत हासिल की जा सके। वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था से ज्यादा जरूरी आम लोगों का जीवन है उसके लिए भारत सरकार को कठोर एवं अलोकप्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है ।