Breaking Newsआगराई-पेपरउतरप्रदेशस्वास्थ्य एवं विधि जगत

होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे देशभर के 300 हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस

सावधान! इको नॉर्मल आने पर भी हृदय हो सकता है कमजोर

संवादाता प्रताप सिंह आजाद

आगरा। धूम्रपान, तंबाकू, मोटापा, हाईफैट भोजन, हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ लगातार टीवी और मोबाइल से चिपके रहना, फिजिकल एक्सरसाइज न करना और फैमिली हिस्ट्री में चली आ रही बीमारी के कारण आज हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ रहे हैं। लोग मृत्यु के शिकार हो रहे हैं।

होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे देशभर के 300 हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस

ऐसे में आवश्यक है कि हम सब लो फैट डाइट लें। 4 किलोमीटर प्रतिदिन वॉक करें और योग- प्राणायाम को जिंदगी में नियमित रूप से शामिल करें ताकि हमारा हृदय स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे..

होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे देशभर के 300 हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस

यह विचार विश्व विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ व वेदांता के चेयरमैन डॉ. आरआर कासलीवाल ने शनिवार को फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में आगरा इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी सोसाइटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस “कार्डियोलॉजी आगरा लाइव 3.0” के पहले दिन कोरोनरी आर्टरी डिजीज पर हुए व्याख्यान के क्रम में व्यक्त किए।

होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे देशभर के 300 हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस

कांफ्रेंस के मध्यांतर में डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने दीप जलाकर कॉन्फ्रेंस का औपचारिक शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ आगरा इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी सोसाइटी के प्रेसिडेंट प्रोफेसर डॉ. वीके जैन, सचिव डॉ. सुवीर गुप्ता, एकेडमिक कोऑर्डिनेटर डॉ. हिमांशु यादव, डॉ. आरआर कासलीवाल और डॉ. एमएम सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे।उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय वीडियो संदेश के माध्यम से उद्घाटन सत्र में शामिल रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. राकेश भाटिया ने किया।

होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे देशभर के 300 हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस

एरिदिमिया पर हुए एक सत्र में बीएलके मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली के डॉ. सुभाष चंद्रा ने इनोवेशन इन पेसिंग पर बोलते हुए कहा कि आज तरह-तरह के पेसमेकर ह्रदय को नयी जिंदगी प्रदान कर रहे हैं। इनमें 4 ग्राम का का लीड लैस पेसमेकर प्रमुख है जो दिल के अंदर लगाया जाता है। जो मरीज को बेहोश नहीं होने देता। डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने बिना बाईपास सर्जरी के हार्टअटैक की आठवीं का इलाज किए जाने की भी जानकारी देते हुए बताया कि 50 वर्ष के बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हृदय की धमनियों में कैल्शियम जमा होना शुरू हो जाता है। इस चूने को हीरे की बर से या अल्ट्रासोनिक तरंगों से साफ कर हृदय का इलाज किया जाता है।

ज्यादा तनाव न लें

कॉन्फ्रेंस के आयोजन और साइंटिफिक सचिव डॉ सुवीर गुप्ता ने हृदय को स्वस्थ रखने के टिप्स देते हुए कहा कि जिंदगी में ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है। वर्क प्रेशर न लें। भागदौड़ और व्यस्तता के बीच रिलैक्स करने के लिए भी समय निकालें। एक्सरसाइज से अपना तनाव कम करें। सीमित भोजन करें और स्मोकिंग बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा कि फिर भी हृदय रोग हो जाए तो तुरंत डॉक्टर को कंसल्ट करें। आजकल आरनी, एसजीएलटी-2 इनवेट्रस और वीटा ब्लॉकर्स सहित फैबुलस 4 दवाओं ने हृदय रोगियों को बहुत राहत दी है।

अब मात्र 20 मिनट में हार्टअटैक की जांच संभव

मेदांता के डॉ. गगनदीप सिंह ने एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के इलाज पर विचार साझा करते हुए बताया कि पहले हार्टअटैक का पता करने के लिए मरीज को दिन रात हॉस्पिटल में रुकना पड़ता था लेकिन अब एच एस ट्रोपोनिन यानी हाई सेंसटिविटी ब्लड टेस्ट से तुरंत पता लग जाता है कि मरीज को हार्टअटैक हुआ है कि नहीं। इससे भी बढ़कर अब ऐसी मशीन आ गई है जिससे मात्र 20 मिनट में जांच करके हार्टअटैक का पता लगाया जा सकता है।

नई विधियों से पकड़ रहे हार्ट का फेल्योर

हार्ट फैलियर विषय पर हुए सत्र में डॉ. विनीश जैन ने कहा कि कई बार ह्रदय की कमजोरी ईको कार्डियोग्राफी में भी नजर नहीं आती। ईको नॉर्मल होने पर भी हृदय कमजोर होता है। ऐसे में एक्सरसाइज टेस्ट और अन्य नई विधियों से हम हृदय के फेल होने को पकड़ते हैं और इलाज करते हैं।

डायबिटीज कंट्रोल तो हृदय मजबूत

डॉ प्रभात अग्रवाल ने कहा कि मधुमेह रोगियों में हार्ट का फेल होना गंभीर समस्या बना हुआ है, लेकिन अब इलाज और परीक्षण के आधुनिक तरीके उपलब्ध होने से पिछले कुछ वर्षों से मधुमेह रोगियों की हृदयाघात से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है।

अब घर पर ही इलाज संभव

हार्ट फेलियर के सत्र में डॉ. बसंत कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले बार बार सांस फूलने की वजह से एडवांस हार्ट फेलियर के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता था। ऐसे मरीज पूरी तरह से अपने घरवालों पर या अस्पतालों पर निर्भर थे लेकिन अब ऐसे मरीजों के लिए ऐसी मशीन आ गई है जो मरीज के दिल के पास या दिल के अंदर या पैर की नस के ऊपर लग जाती है जिससे ये मरीज अपना दैनिक काम कर सकते हैं।

सांस फूले तो तुरंत हॉस्पिटल आओ

डॉ मनीष शर्मा ने कहा कि सांस फूले तो तुरंत हॉस्पिटल आओ। पूर्ण चेकअप कराओ। बताई हुई दवा प्रॉपर लो। बिना डॉक्टर की एडवाइस के दवा मत छोड़ो।

डिस्प्रिन की गोली बचाती है जान

डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि हार्ट अटैक में पहले कुछ घंटे बहुत इंपॉर्टेंट होते हैं। जैसे ही सीने में दर्द हो या सीने में भारीपन महसूस करें तो तुरंत एक डिस्प्रिन ले लें। डिस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट से बेहतर है क्योंकि सॉर्बिट्रेट में सिर्फ दर्द घटता है जबकि डिस्प्रिन की गोली से जान बचती है।
उन्होंने बताया कि कार्डियक अरेस्ट होने के बाद हम सोचते हैं कि रोगी अब दुनिया से चला गया तो हम कोई अतिरिक्त प्रयास उसे बचाने का नहीं करते। लेकिन यदि सीपीआर स्टार्ट किया जाए तो कार्डियक अरेस्ट होने के बाद भी 15 फ़ीसदी लोगों का जीवन बचाया जा सकता है।

इन्होंने भी दिए व्याख्यान

डॉ. पुनीत गुप्ता, डॉ. आरडी यादव, डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ, डॉ. रजत रावत, डॉ. ईशान गुप्ता, डॉ. प्रवेग गोयल, डॉ. हिमांशु यादव और डॉ. दीपक अग्रवाल ने भी अपने विचार साझा किए।
डॉ. शरद पालीवाल, डॉ. बीएन कौशल, डॉ. सुनील बंसल, डॉ. आशीष गौतम, डॉ. अनिल सक्सेना, डॉ. सुमित सेठी, डॉ. शम्मी कालरा, डॉ. केके विश्वानी, डॉ. अनुराग और डॉ. हेमंत चेयर पर्सन और मॉडरेटर की भूमिका में रहे। समाजसेवी वीरेंद्र गुप्ता भी मौजूद रहे।

इस दौरान दिल्ली, राजस्थान, लखनऊ, मेरठ, हरियाणा, पंजाब और आगरा से 40 विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित 300 से अधिक जाने-माने चिकित्सक मौजूद रहे। हृदय रोग से जुड़े उत्पादों, औषधियों और तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

इन्हें मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट

नेशनल कांफ्रेंस के पहले दिन देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वीके बहल को हृदय रोग के निदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं और उपलब्धियों के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया।

जनवाद टाइम्स

जनवाद टाइम्स – हिंदी का प्रमुख समाचार माध्यम, UP , बिहार और दिल्ली-एनसीआर की ताज़ा और निष्पक्ष खबरें। राजनीति, समाज, खेल और अर्थव्यवस्था पर गहन कवरेज

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स