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हिंदी साहित्य के समालोचक सम्राट आचार्य श्री रामचंद्र शुक्ल जी की जयंती पर सोनिया को मिला सम्मान

संत कबीर नगर : हिंदी साहित्य जगत के समालोचक सम्राट आचार्य श्री रामचन्द्र शुक्ल जी की136वी जयंती समारोह के अवसर पर राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खलीलाबाद संत कबीर नगर की व्यायाम शिक्षिका सोनिया को आचार्य रामचंद्र शुक्ला जी की जन्मभूमि आगोना में 136वी जयंती के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन एवं सारस्वत सम्मान समारोह में सोनिया व्यायाम शिक्षिका को राष्ट्रीय प्रतिभा श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।

हिंदी साहित्य के समालोचक सम्राट आचार्य श्री रामचंद्र शुक्ल जी की जयंती पर सोनिया को मिला सम्मान

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हमारे शिक्षा जगत के मुखिया परम आदरणीय, माननीय मनोज कुमार द्विवेदी जी, संयुक्त शिक्षा निदेशक बस्ती मंडल बस्ती
विशिष्ट अतिथि माननीय डॉक्टर ओम प्रकाश मिश्रा जी उप शिक्षा निदेशक बस्ती मंडल बस्ती, के मंडल के उच्च अधिकारियों के कर कमलों से यह सम्मान प्राप्त हुआ। ये पल मेरे जीवन का बहुत ही गौरव शाली पल रहा।

कार्यक्रम के आयोजक डॉक्टर के.पी. मिश्रा , कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमती विद्यावती मिश्रा
की गरिमामय उपस्थिति में कवि सम्मेलन सम्मान समारोह सारस्वत सम्मान समारोह आयोजित किया गया ।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। वह महान कहानीकार, निबंधकार, साहित्यकार, इतिहासकार तथा समालोचक सम्राट के रूप मे प्रसिद्ध थे ।
उन्होंने अपने निबंधों के द्वारा,अपनी आलोचनात्मक पुस्तकों के द्वारा, इतिहासकृत के द्वारा, हिंदी साहित्य जगत में एक विशेष पहचान बनाई हैं। उनका साहित्यिक अवदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा लिखी सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक “हिंदी साहित्य का इतिहास” जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण तथा पाठ्यक्रम निर्धारण में सहायता मिलती है।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रचनाएं मौजूदा दौर की पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं हमें उनके जीवन और कृतित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए । उनकी रचनाओं में भाव तथा अनुभूती की प्रधानता थी उनकी प्रमुख रचनाएं चिंतामणि, हिंदी साहित्य का इतिहास हिंदी काव्य में रहस्यवाद प्रमुख है ।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल की भाषा तत्सम शब्द से युक्त खड़ी बोली है। आपकी भाषा आडंबर रहित विषय के अनुरूप है ।आपकी भाषा सरल, सजीव व स्वाभाविक है। मुहावरे तथा खड़ी बोली से रोचक बन गई है ।

आपकी भाषा व्याकरण सम्मत है । भाषा प्रभावपूर्ण और सूक्तियां से ओतप्रोत है अपने रचनाओं में प्रमुख रूप से समास शैली, व्यास शैली, वर्णनात्मक शैली, चित्रात्मक शैली समीक्षात्मक शैली व गवेषणाआत्मक शैली को अपनाया है तथा हास्य विनोद व्यंग प्रधान शैली का प्रयोग किया है। आधुनिक निबंध साहित्य में आचार्य शुक्ल जी युग परिवर्तन साहित्यकार हैं। वह मौलिक चिंतक, गंभीर विचारक , समालोचक के रूप में चिर स्मरणीय रहेंगे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि श्री रामकृष्ण लाल जगमग जी, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज बस्ती प्रधानाचार्य श्रीमती नीलम सिंह जी , राष्ट्रीय कवित्री शिवा त्रिपाठी, राष्ट्रीय कवि श्री विनोद उपाध्याय जी, वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार पांडे जी , पत्रकार लवकुश जी तथा साहित्य जगत तथा शिक्षा जगत की विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामई उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ।

जनवाद टाइम्स

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