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लैपटॉप न मोबाइल, बच्चे कैसे करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई

 

मनोज कुमार राजौरिया ।  शासन के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 15 जुलाई से माध्यमिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराने का निर्देश दे दिया है।
लेकिन, ग्रामीण इलाकों से जुड़े जिले के 70 फीसदी छात्रों के पास लैपटॉप, टैबलेट तो दूर स्मार्ट फोन तक नहीं है। यही वजह है कि लॉकडाउन के दूसरे चरण में ऑनलाइन पढ़ाई का प्रयोग जिले में फेल साबित हो चुका है।
अभिभावकों का कहना है कि एक बार फिर विभाग बिना सुविधा मुहैया करवाए इस व्यवस्था को लागू करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल के महीने में भी माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा चुकी है। वह भी ज्यादा सफल नहीं हो सकी।

Online Classes

प्रधानाचार्य परिषद के जिला महामंत्री एवं सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य संजय शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन पढ़ाई ही बेहतर विकल्प है।

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सभी छात्र छात्राओं एवं अभिभावकों को इसमें सहयोग करना चाहिए। कहीं-कहीं समस्या हो सकती है। इसके लिए कोई न कोई हल भी निकाला जाएगा।
ऑनलाइन पढ़ाई के प्रयोग के पहले चरण में विभाग ने जिले में सर्वे करवाया था। इसमें 76210 छात्र-छात्राओं में से महज 26000 ने अपने संपर्क के लिए अभिभावकों या पड़ोसियों के मोबाइल नंबर नोट करवाए थे।
विभाग ने इन नंबरों के आधार पर 26000 छात्रों के पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता दिखाकर शासन को रिपोर्ट भेजी थी। नतीजा यह हुआ कि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई तो केवल 30 फीसदी बच्चे ही इससे जुड़ पाए थे।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजू राणा ने कहा कि 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होनी हैं। इसके लिए सभी प्रधानाचार्य इन कार्य दिवसों में तैयारियां पूरी कर लें। सभी विषय अध्यापक अपने-अपने विषयों से संबंधित पाठ्यक्रम सरल भाषा में तैयार कर लें। यदि कहीं कोई दिक्कत हो निसंकोच उनसे संपर्क कर सकते हैं।

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