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सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ एसएससी, रेलवे सहित दर्जन भर परीक्षाओं के लाखों अभ्यर्थियों ने सुरु किया डिजिटल आंदोलन

मनोज कुमार राजौरिया । नीट-जेईई परीक्षाओं के आयोजन के विरोध के बीच देश भर के लाखों छात्र और युवा अभ्यर्थी सरकार से वर्षों से लटके पुराने प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम और अधूरी भर्ती प्रक्रियाओं की तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इसमें एसएससी सीजीएल 2018, एसएससी सीएचएसएल 2018, एसएससी एमटीएस 2019, रेलवे एनटीपीसी 2019, रेलवे ग्रुप डी 2019, बिहार एसटीईटी 2019, बिहार जूनियर इंजीनियर (जेई), उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (यूपीएसएसएससी) की वीडियो और अन्य दर्जन भर से अधिक भर्तियां शामिल हैं। इससे हजारों, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों युवा प्रभावित हैं।

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इन अभ्यर्थियों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच सरकार जब नीट-जेईई, क्लैट, नेट, जेएनयू, डीयू, बीएड और अन्य विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा करा सकती है तो कई सालों से रूके भर्तियों के परिणाम क्यों नहीं घोषित कर सकती है? इसके लिए लाखों छात्र ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी हैं और इन भर्तियों का परिणाम और प्रक्रिया जारी रखने के लिए लोग लाखों की संख्या में ट्वीट【#speakupforSSCRailwayStudents】कर रहे हैं और सरकार से गुहार कर रहे हैं कि उनकी भी सुनी जाए।

एसएससी की एक अभ्यर्थी दीप्ती शाक्य कहती हैं, “हमारे मां-बाप के कुछ आशाएं और आकांक्षाएं हैं, हमारे भी करियर और फ्यूचर को लेकर कुछ सपने हैं। लेकिन अब हम निराश हो रहे हैं। सरकार से तो बिल्कुल भी यह उम्मीद नहीं थी। 2018 की परीक्षा देने के बाद भी हम दो या तीन साल तक इंतजार कर रहे हैं। मेरी सरकार से दरख्वास्त है कि अगर भर्ती नहीं लेना है तो विज्ञापन ही मत दिजिए, लेकिन युवाओं को नौकरी के झूठे जाल में तो मत फंसाइए।”

एक और ऐसे ही अभ्यर्थी रोहित कहते हैं कि हमारी उम्र निकली जा रही है, लेकिन सरकारी परीक्षाओं का कुछ पता हीं नहीं चलता। हम फॉर्म भरते हैं, परीक्षा देते हैं इसके बाद कभी आगे की प्रक्रिया रूक जाती है, तो कभी रिजल्ट नहीं आता। हम अधिकारियों, मंत्रियों से गुहार लगाते हैं लेकिन कोई नहीं सुनता। यह सब बहुत निराशाजनक है। हमारे कई साथी तो अवसाद में जा रहे हैं। कोरोना का समय वैसे ही बहुत कठिन है, लोगों के मां-बाप के रोजगार चले गए हैं, आमदनी कम हो रही है, लोग आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं और ये सब चीजें हमारी परेशानी को और बढ़ा रही हैं।

★ SSC की परीक्षा यानी बीरबल की खिचड़ी
SSC यानी कि कर्मचारी चयन आयोग केंद्र सरकार के विभागों में भर्ती करने वाली एक प्रमुख संस्था है. यह तीन प्रमुख एग्जाम कराती है.
◆ CGL यानी कि कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम. इसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में बी और सी ग्रेड के अधिकारियों की भर्ती होती है. ये परीक्षा चार चरणों में होती है. CGL 2018 का नोटिफिकेशन मई 2018 में आया था. फर्स्ट टियर का एग्जाम हुआ जून 2019 में. यानी कि एक साल बाद.सेकंड टियर का एग्जाम हुआ 29 दिसम्बर को. उसके रिजल्ट की डेट 8 मई की दी हुई थी. लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं आया है. दो साल हो चुके हैं नोटिफिकेशन आए हुए और अभी एक टियर का एग्जाम बाकी है, जिसमें कम्प्यूटर टेस्ट होता है. इसके बाद फाइनल रिजल्ट आने में तीन-चार महीने लग ही जाते हैं. यानी कि दो साल बीत जाने के बाद भी अभी कितना समय लगेगा, कुछ क्लियर नहीं है.

◆दूसरी है CHSL यानी Combined Higher Secondary level Exam. इसके जरिए केंद्र सरकार लोवर डिविजनल क्लर्क, पोस्टल असिस्टेंट, कोर्ट क्लर्क और डेटा इंट्री ऑपरेटर जैसे पदों के लिए भर्ती करती है. CHSL की परीक्षा तीन चरणों में होती है. टियर 1 में ऑनलाइन ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाते हैं. टियर 2 में डिस्क्रिप्टिव एग्जाम होता है यानी कि पेन और पेपर वाली परीक्षा. टियर 3 में टाइपिंग और डेटा इंट्री स्पीड का टेस्ट होता है. CHSL 2018 का रिजल्ट आया फरवरी 2020 में. रिजल्ट का काफी विरोध हुआ. UFM की वजह से 4560 अभ्यर्थियों को सीधे भर्ती से बाहर कर दिया गया था.अप्रैल में एक कमेटी बनाई गई. अगस्त 2020 में UFM हटा दिया गया और 27 अगस्त को संशोधित रिजल्ट जारी किया गया.

★ तीसरा होता है MTS यानी कि मल्टी टास्किंग स्टाफ. ये एग्जाम विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ग्रेड-सी (नॉन-क्लर्क) की भर्ती के लिए आयोजित किया जाता है. MTS दो टियर में होता है. पहले स्टेज में ऑब्जेक्टिव एग्जाम होता है. दूसरे में डिस्क्रिप्टिव पेपर होता है. इसमें भी कॉपी-पेन से निबंध और लेटर लिखना होता है. CGL के साथ-साथ MTS 2019 का भी रिजल्ट रुका हुआ है. MTS टियर-2 के एग्जाम में करीब 96 हजार कैंडिडेट ने हिस्सा लिया था. MTS 2019 का एग्जाम नवम्बर 2019 में हो चुका है. मतलब उसको भी हो गए 9 महीने, लेकिन रिजल्ट का कहीं कुछ अता-पता नहीं है.

भारतीय रेल: 2 करोड़ 40 लाख आवेदक, परीक्षा का पता नहीं
रेलवे ने फरवरी 2019 में विज्ञापन निकाला नौकरियां ही नौकरियां. NTPC यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरीज में 35208 पोस्ट की वैकेंसी. इसमें क्लर्क, टिकट क्लर्क, गुड्स गार्ड, स्टेशन मास्टर आदि की भर्ती होती है. NTPC के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 1 करोड़ 26 लाख के लगभग है. जून और सितंबर 2019 के बीच इसकी परीक्षा आयोजित होनी थी. 2020 का सितंबर आ गया. एग्जाम अब तक नहीं हुआ. इसी वैकेंसी के साथ ही रेलवे ने ग्रुप डी में 1 लाख 3 हज़ार 769 पदों की वैकेंसी निकाली. 1 करोड़ 15 लाख के लगभग आवेदन आए. सितंबर-अक्टूबर 2019 में एग्जाम का शेड्यूल था. अब तक परीक्षा नहीं हुई. दोनों परीक्षाओं के लिए दो करोड़ 40 लाख फॉर्म भरे गए है. इनमें काफी को नौकरी मिलती भी, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद सब ठंडे बस्ते में चला गया.

ये केवल दो केंद्रीय संस्थानों की स्थिति है जिनसे युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरी की आस होती है. राज्यों की भर्ती आयोगों का हाल तो और भी खस्ता है.

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