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Holi Geet: जोगी जी सररा

कवियत्री: जया मोहन
जोगी जी सररा जोगी जी अररा
अरे चहुदिश उड़े रे गुलाल
अररा होली में
रंग गये सब नर नारी अररा होली में
चहुदिश ।।।।।
कोरे कोरे कलशों में पानी भरा है
लाल पीला हरा रंग घुला है
गोप गोपी करे खिलवाड़ अररा होली में
चहुदिश।।।
भर पिचकारी कान्हा ने मारी
भीज गयी बृषभानु दुलारी
मच गई धूम अपार
अररा होली में
चहुदिश ।।।
नंदगाँव के होलियारे आये
बरसाने वालीन ने लठ्ठ बरसाए
प्यार की हो रही बौछार
अररा होली में
चहुदिश।।।।।
सारे ब्रज में धूम मची है
मटके में ठंडाई घुली है
फागुनी बहे बयार
अररा होली में
चहुदिश ।।
हिलमिल के सब फाग गावे
एक दूजे को रंग लगावे
बाजे ढोल करतार
अररा होली में
चहुदिश।।।।