Etawah News: श्रद्धा और उल्लास के साथ गीता का पाठ कर मनाई गई गीता जयंती

संवाददाता दिलीप कुमार
इटावा: गीता जयंती श्रद्धा के साथ मनाई गई। गीता पढ़ने से जीवन को सही दिशा मिलती है। घर-घर में गीता जयंती मनाई गई। इस अवसर पर भगवान कृष्ण और व्यास जी की पूजा-अर्चना कर सुख-शांित की कामना की गई। किसी ने गीता के एक अध्याय का अध्ययन किया तो किसी ने 18 अध्याय पढ़कर गीता के ज्ञान को प्राप्त किया। वहीं श्रद्धालुओं द्वारा उपवास रखा गया। गीता का संस्कृत सहित अन्य कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इसको विश्व के कोने-कोने में पढ़ा जाता है। गीता जयंती के मौके पर इटावा महोत्सव के कैंप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कृष्णावतार वाजपेई व अध्यक्ष कैप्टन उपेंद्र पांडेय ने भगवान विष्णु के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन के साथ किया।
मुख्य अतिथि कृष्णावतार वाजपेई ने कहा कि गीता ने जन कल्याण के लिए जो सन्देश अपने आप में समाहित किए हैं वह आज भी हम सब का मार्गदर्शन करते हैं। भगवान ने गीता में मनुष्य के कर्मों को जिस प्रकार परिभाषित किया उससे साफ है कि गीता हम सब का मार्गदर्शन न सिर्फ वर्तमान परिस्थितियों में कर रही है बल्कि आने वाले समय में भी गीता का उपदेश जनकल्याण की भावना से सदैव याद किया जाएगा।
इससे पूर्व इला चौधरी ने गीता पाठ कर उसके महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रखर गौड़ ने सरस्वती वंदना के साथ की। कार्यक्रम संयोजक प्रवीण चौधरी व सह संयोजक देवेश शास्त्री ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण व बैच लगाकर स्वागत किया। इस दौरान गीता के प्रमुख उपदेश व भगवान के अलग-अलग अवतारों की कथाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर डॉ कुश चतुर्वेदी समेत बड़ी संख्या में नुमाइश कार्यकारिणी के सदस्य भी मौजूद रहे।