संवाददाता-राजेंद्र कुमार
हाजीपुर वैशाली।राजापाकर-सताते चले कि प्रखंड क्षेत्र के किसानों पहले यहाँ के किसानो प्याज के बीज के लिए बिदुपुर के चेचर लाए करते थे।इसके बाबजूद उन्हें अच्छे प्याज का बीज मिलना मुश्किल होता था।अब किसानों द्बारा यहां ही बीज उत्पादन किया जा रहा है।बीज उत्पादन मे अधिक मेहनत करना पड़ता हैपर इससे अच्छी आए भी प्राप्त होती है।इतना ही नही प्याज उत्पादको को अच्छी बीज भी मिल जाती है।राजापाकर के उतरी मे एक किसान गिरीश राय ने इस बार भी क्ई कट्टा मे प्याज के बीज का उत्पादन कर रहे है।इस समय खेतो मे उनकी फसल काफी अच्छी है।बताते चले कि इस समय खेतो मे उनकी फसल आ रही है।प्याज मे फुल आए हैउजले सुंदर फुल देखते ही बनते है।किसान गिरीश राय का कहना है कि वे चार पांच वर्षो से प्याज के बीज का उत्पादन कर रहे है।वे बताते है कि इनकी खेतो मे मेहनत तो अधिक है पर लाभ मिलता है अधिक।खुशी तब होती है जब यहाँ के किसानों के बीच के लिए अलग जाना नही पड़ता है।गिरीश बताया कि पहले जस किसान बाहर से भी बीज लाकर अपनी खेती करते थे उस समय किसान मायूसी हो जाते थे।खेती अच्छी नही होने के कारण फसल मार खा जाता था।अगर खेती साथ दे तो चार से पांच हजार कट्टा पर मुनाफा होता है।पढाई करने के बाद गिरीश ने नौकरी के लिए प्रयास किया जब उन्हें नौकरी मे जाने के लिए बिचौलियों द्बारा पैसे की मांग की जाने लगी तो उनके मन फिर गया और खेती की ओर रूख किया।वे बताते है कि अगर किसान10कट्टा मे एक सब्जी या प्याज के बीज का उत्पादन करे तो एक शिक्षामित्र की नौकरी के बराबर है।इसमे किसी का नही है।अब तो देखो देखी क्ई गांव मे इसकी खेती होने लगी है।बलबीरा, बखरी,बाकरपुर, बैकुंठपुर फुलवरिया, रामपुर, माधोपुर, दयालपुर इत्यादि गांव मे भी क्ई किसानों ने प्याज के बीजों का खेती करना शुरु कर दिए है।इस मे छिड़काव करना जरूरी होता है।इस समय इनकी खेतो मे फूल को देख लोग आनंद हो रहे है।इसके लिए आंधी तुफान काफी हानिकारक माना गया है।आंधी से इनकी फसल पर बुरा असर पड़ता है।
