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Bihar News जिले को मत्स्य बाहुल्य क्षेत्र बनाने हेतु करें कारगर कार्रवाई : जिलाधिकारी

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं जिला स्तरीय चौर विकास समिति की बैठक जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ सम्पन्न हुई। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, पश्चिम चम्पारण, सुमित कुमार, अपर समाहर्त्ता (राजस्व), श्री राजीव कुमार सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी, ज्ञान शंकर सहनी, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रवीण कुमार राय सहित जिला उद्यान पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं प्रगतिशील मत्स्य कृषक आदि उपस्थित थे।Bihar News Take effective action to make the district a fish-rich area: District Magistrate

बैठक में बताया गया कि मत्स्य विभाग के पोर्टल पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति वर्ग में 5 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें मुख्य रूप से आइस प्लांट अधिष्ठापन, लघु फीड मील अधिष्ठापन, मोबाईल फिश किऑस्क अवयवों में आवेदन प्राप्त है। अनुसूचित जनजाति वर्ग में 12 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें मुख्य रूप से तालाब निर्माण, बायोफ्लॉक अधिष्ठापन, फिश किऑस्क का निर्माण, प्रसार सलाह केन्द्र, जिन्दा मछली बिक्रय केन्द्र, अलंकारी मछलियों का संवर्द्धन अवयव में आवेदन प्राप्त है। वहीं महिला एवं अन्य वर्ग में विभिन्न अवयवों में कुल 72 आवेदन प्राप्त है। समिति की बैठक में कुल 89 आवेदनों में से इच्छुक एवं विभाग द्वारा निर्धारित आवश्यक अहर्त्ता पूर्ण करने वाले आवेदनों का चयन किया गया।

जिला पदाधिकारी द्वारा जिला मत्स्य पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण पारदर्शितापूर्वक सुनिश्चित करें ताकि प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी योजना से लाभान्वित होकर जिले के आम लोगों को वैज्ञानिक पद्वति आधारित मत्स्य बीज, मत्स्य उत्पादन, मत्स्य विपणन, मत्स्य भंडारण मत्स्य प्रसंस्करण एवं मत्स्य आहार उत्पादन आदि व्यवसाय द्वारा सतत गुणवतापूर्ण खाने योग्य मछलियों की उपलब्धता बाजार में सुनिश्चित कराई जा सके साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित हो, किसानों की आय में वृद्धि तथा जिले को मत्स्य बाहुल्य क्षेत्र बनाया जा सके।Bihar News Take effective action to make the district a fish-rich area: District Magistrate

जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्तरीय चौर विकास समिति द्वारा समिति के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना पर सघन चर्चा की गयी। मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के क्रियान्वयन से निम्नलिखित लाभ होने की संभावना है:- (1) अव्यवहृत पड़े निजी चौर भूमि का उपयोग मत्स्य पालन एवं अन्य कृषि उत्पादन हेतु किया जा सकेगा। (2) उपयुक्त तकनीकी मॉडलों के जरियें उत्पाद में विविधता से उत्पादन एवं उत्पादकता में अभिवृद्धि हो सकेगा। (3) इसके सफल कार्यान्वयन से मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। इससे यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी “जल-जीवन-हरियाली अभियान” में भी सहायक होगी। (4) इससे किसानों को रोजगार के साथ-साथ आय में अभिवृद्धि होगी तथा सुदूर ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ हो सकेगी। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा समिति को बतलाया गया कि जिले को योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 20 हेक्टर का लक्ष्य प्राप्त है।Bihar News Take effective action to make the district a fish-rich area: District Magistrate

जिला मत्स्य पदाधिकारी और समिति के अन्य सदस्यों को आवश्यक निदेश दिये गये जो निम्न है :-

● समेकित चौर विकास योजना के तहत आवेदन किए गये कृषकों के जमीन के मलिकाना हक अथवा दखल कब्जा संबंधित कागजात पूर्ण कराने में यदि जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा अथवा लाभुक द्वारा सहयोग की मांग की जाती है तो अपर समाहर्ता (राजस्व) एवं संबंधित प्रखण्ड के अंचलाधिकारी प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कारवाई करेंगें।

● यदि आवेदक को स्वयं के खर्च से योजना पूर्ण करने में कठिनाई होती है तो आवश्यकतानुसार जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सहयोग करेंगे।

● योजनान्तर्गत तालाब के बाहरी बांध एवं शेष विकसित भूमि पर कृषि, बागवानी एवं कृषि वानकी हेतु संबंधित पदाधिकारी आवश्यक सहयोग करेंगे।

● जिला पदाधिकारी द्वारा जिला मत्स्य पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि जिले में एक ही जगह पर 10 एकड से अधिक रकबा में विकसित तालाबों एवं अन्य योजनाओं से अच्छादित क्षेत्र जहाँ बिजली आपूर्ति अनिवार्य है की सूची उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। ताकि अभिसरण की संभावना के तहत सड़क सम्पर्क, बिजली संसर्ग, नाला निर्माण तथा अन्य नागरिक सुविधा हेतु संबंधित को निर्देशित किया जा सके, जिससे सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना के प्रति आमलोगों की रूझान बढ सके।

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जनवाद टाइम्स