Bihar News होमियोपैथ के जादूगर डॉ. घनश्याम चमत्कारिक ढंग से करते हैं दर्दों का इलाज

संवाददाता(मोहन सिंह) बेतिया
बदली हुई जीवनशैली और मिलावटी खानपान के चलते आजकल कम उम्र के लोगों के लोगों में भी कई तरह की दर्द की समस्या देखी जा रही है। अंग्रेजी दवाएं खा-खाकर आम आदमी परेशान हो चुका है और दर्द है कि जाने का नाम नहीं लेता। ऊपर से इसके दुष्प्रभाव अलग से है। दर्द चाहे हाथ या पैर के जोड़ों में हों, या हड्डियों में या फिर नसों में, जब उग्र प्रभाव दिखाता है तो क्या पुरुष, क्या महिला। किसी की भी पूरी दिनचर्या बिगड़ जाती है।
लेकिन अब चंपारणवासियों के लिए खुशखबरी है कि ऑर्गनाइजेशन फॉर होमियो मिशन, बेतिया के जिलाध्यक्ष होमियोपैथ चिकित्सक डॉ. घनश्याम ने एक नई विधि से अब तक हजारों रोगियों को स्वस्थ किया है। इनका शहर के नया बाजार चौक स्थित सविता होमियो क्लिनिक एंड रिसर्च सेन्टर संचालित है। जहां रोज सैकड़ों रोगियों की भीड़ लगती है। इनकी दवा से एक सप्ताह से लेकर 90 दिनों में फर्क साफ-साफ नजर आता है।
ग्रामीणों में फैलाई जागरूकता
वे बताते हैं कि पहले ये पैथ पढ़े-लिखे और शहरी समाज तक ही सीमित था। अब उनकी जादुई चिकित्सा का परिणाम है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का विश्वास होमियो चिकित्सा की ओर बढा है। अखबारों व सोशल मीडिया होमियो चिकित्सा को लेकर लिखे गए आलेख और सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसका सकारात्मक असर अब नजर आने लगा है।
उनका कहना है कि आज के परिवेश में रोगियों के शरीर में दर्द के कई कारण बन रहे। यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने या जोड़ों में ग्रीस (साइनोवियल फ्लूड) सुख जाने से, ज्यादा वजन से घुटनों पर जोर पड़ने के चलते। नसों में साइटिक या पुरानी चोट के कारण भी आगे चलकर समस्या गंभीर हो जाती है। रोगी से पूछताछ कर समस्या का पता लगाया जाता है और दवा दी जाती है। होमियोपैथ में हर रोगी के लिए अलग दवा होती है।
कई प्रकार के रोगों का किए हैं सफल इलाज
डॉ. घनश्याम ने साइटिका व गठिया के अलावे फैटी लिवर, एंजाइटी, डिप्रेशन, अनिद्रा, एक्जिमा, सफेद दाग, सोरियासिस, पाइल्स, मुंहासे, हेयर फॉल, सिफलिस, चकत्ते, दाद, एलर्जी, अस्थमा, कई प्रकार के घावों व चर्म रोग आदि अनगिनत रोगों के इलाज में महारथ हासिल की है। इसकी बदौलत इन्होंने बेतिया, बगहा, नेपाल व उत्तरप्रदेश, मोतिहारी की सीमा से सटे गांवों में अपनी अलग पहचान बनाई है
मुजफ्फरपुर में पढ़ाई के दौरान मिला मूल मंत्र
बता दें कि पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि कनछेदवा के निवासी डॉक्टर घनश्याम ने बहुत कम उम्र में ही मुजफ्फरपुर से बीएचएमएस की डिग्री ली। कुछ वर्षों तक इसी शहर के दो नामी चिकित्सकों के सान्निध्य में इलाज का मूल मंत्र हासिल किया। इसके बाद इन्होंने वर्ष 2012 में बेतिया शहर को अपनी कर्मभूमि बनाई। यह सफर लगातार जारी है। वे बताते हैं कि माता जी का सपना था कि एक अच्छा चिकित्सक बनकर कम पैसे में ग्रामीण, गरीब मरीजों का इलाज करूं। इसलिए मां के नाम से क्लीनिक संचालित है।
मिला है सम्मान
वर्ष 23 में इन्हें पटना में बिहार होमियो रत्न एवं सिंगापुर में एक विशेष समारोह में अंतरराष्ट्रीय होमियो रत्न से सम्मानित किया गया। कई जगहों पर सेमिनारों में जाकर इन्होंने अन्य चिक्तिसकों क बीच अपना अनुभव बांटकर वाहवाही लूटी है। देश-विदेश में सम्मान मिलने का ये सफर अभी जारी है। हालांकि डॉ. घनश्याम बताते हैं कि कोई भी चिकित्सक सम्मान का नहीं, बल्कि अपने रोगियों से मिले सकारात्मक फीडबैक का भूखा होता है।
होम्योपैथिक उपचार का नहीं है साइड इफेक्ट
पहले होमियोपैथिक दवाओं को लेकर कई सारे मिथक प्रचलित थे। कुछ फर्जी चिकित्सकों ने भी नकारात्मकता फैलाई। जैसे कि दवाओं का असर देरी से होता है। इलाज के दौरान ये मत खाओ, वो मत खाओ। लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। सविता होमियो क्लीनिक रिसर्च सेंटर में जर्मन व इंडियन होमियोपैथी के नेचुरल एवं उच्च क्वालिटी दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इन दवाओं की उचित पोटेंसी व सही खुराक से रोगियों को जल्दी राहत मिलती ही है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
मिलने का पता –
डॉ. घनश्याम, B.H.M.S (B.U), P.G.H.M (Tamilnadu)
सविता होमियो क्लीनिक एन्ड रिसर्च सेंटर
नया बाजार चौक, बेतिया
व्हाट्सएप्प नम्बर- 8084511164
#मोतिहारी के कनछेदवा चौक पर (हरसिद्धि) में महीने के पहले और तीसरे रविवार को 15 दिनों पर बैठना होता है।)
(नोट – किसी भी रोग की स्थिति में कम से कम एक बार हमारे क्लिनिक में आना अनिवार्य है। यदि किसी कारण से रोगी क्लिनिक में दोबारा आने में असमर्थ है तो सशुल्क टेलीफोनिक परामर्श की सुविधा है। चिकित्सकीय व्यस्तता के कारण हरदम कॉल रिसीव करना संभव नहीं। बहुत जरूरी है तो व्हाट्एसप्प पर समय लेकर फोन से संक्षिप्त पूछताछ कर सकते हैं।)