Bihar News- निर्णय के ढाई माह बाद भी पगार ऐप व बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर नहीं मिल रही निगम कर्मियों को सैलरी:गरिमा

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि निर्णय के ढाई माह बाद भी पगार ऐप व बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर निगम कर्मियों को सैलरी का भुगतान नहीं मिल रहा है। इस बीच नगर निगम क्षेत्र के चार वार्डों 02, 22, 29 एवं 40 की सफाई व्यवस्था में अवैध रूप से भुगतान के मामले में नगर विकास एवम आवास विभाग से जाँच का आदेश प्राप्त हुआ है।
महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि अब पगार ऐप के माध्यम से ही फेस की बायोमेट्रिक हाजिरी पर ही नगर निगम कर्मियों को सैलरी देने के निर्णय को ढाई माह बाद भी लागू नहीं होने पर उनके द्वारा नगर आयुक्त शंभू कुमार को पत्र लिख कर निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था की स्थलीय जांच और अवलोकन में भी बड़े पैमाने पर धांधली पाई गई है। महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि विभागीय आदेश और निर्णय के आधार पर नगर निगम के कार्यालय कर्मियों को भी बायोमेट्रिक मशीन में आधार नंबर के साथ अपलोड बायोमेट्रिक पहचान के आधार पर हाजिरी लगाना अनिवार्य करना आवश्यक है। जबकि विभिन्न वार्डों में कार्यरत सफाई और अन्य कर्मियों को बायोमेट्रिक पहचान पर आधारित हाजिरी वार्ड जमादार के स्मार्ट फोन पर अपलोड पगार ऐप के माध्यम से हाजिरी लगाने और उसी आधार पर भुगतान की व्यवस्था को अब अनिवार्य कर दिया गया है। महापौर ने बताया कि विभाग स्तर से जारी पगार बुक ऐप बिल्कुल आसान ऐप है। ये खास निगम के कर्मचारियों का अटेंडेंस, सैलरी, एडवांस पेमेंट, किया गया काम , इन सभी चीजों का हिसाब बहुत ही आसानी से मैनेज करता है। इसके आधार पर निगम कर्मचारी का पूरा हिसाब-किताब आसानी से रखा जा सकता है। ये तरीका आपके ट्रेडिशनल रजिस्टर और पुराने कठिन तरीकों से बनाए गए अटेंडेंस रजिस्टर, स्टॉफ रजिस्टर, वर्क रजिस्टर, खाता बुक, इन सब का एक बेहतरीन विकल्प है।
अब निगम को अपने कर्मचारियों के लिए अलग से बहीखाता बनाने की जरूरत नहीं होगी। इस एडवांस सिस्टम से निगम अपने कर्मियों का पेमेंट, डेली बेसिस पर किए गए कार्य, कार्यावधि, मंथली किए गए कार्य, सभी चीजों का रिकॉर्ड आसानी से अपनी उंगलियों पर रख सकेगा।