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Bihar News वजन कराने के बाद सफाई की आउट सोर्सिंग एजेंसी ने लोगों से बेंचा नगर निगम का कूड़ा:गरिमा

नगर निगम की महापौर गरिमा देवी की अध्यक्षता वाली सशक्त स्थाई समिति की बैठक लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रही। बैठक के बाद महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि कि समिति सदस्यों द्वारा अभिलेखों के प्रारंभिक अवलोकन में बीते करीब 11 माह के दौरान करीब पांच करोड़ से अधिक के दोहरे भुगतान का खुलासा हुआ है। इसके अलावें भी अनेक प्रकार से नगर निगम को लाखों का चूना लगाने का खेल अनेक स्तरों पर होने की बात उजागर हुई है।

Bihar News After weighing, the cleaning outsourcing agency sold municipal waste to the people: Garimaमहापौर ने यह भी बताया कि नगर निगम क्षेत्र में होते रहे कूड़ा कचरा उठाव का भुगतान पाने के लिए वजन करवा लेने के बाद उसकी सरकारी तौर पर चिन्हित जमीन पर कूड़ा डंप नहीं कर के निजी आवासीय और अन्य भूखंड वाले लोगों की नीची खाली जगह को कूड़े से भर के लाखों की कमाई करने की बात उजागर हुई है। श्रीमती सिकारिया ने यह भी बताया कि साफ सफाई की आउट सोर्सिंग एजेंसी पाथ्या से नगर निगम से एग्रीमेंट में साल में पूरे 365 दिन साफ सफाई जारी रखने का उल्लेख है। परंतु एजेंसी द्वारा ऐसा व्यवहार में नहीं किया जा रहा है। वही महज अधिकत्तम दो दिन में ही खराब गाड़ी बनवा लेने अथवा अन्य सफाई वाहन की वैकल्पिक व्यवस्था करने के एजेंसी से एग्रीमेंट के विपरीत तीन-तीन माह तक गाड़ियां खराब रहने के बावजूद एजेंसी से मिली भगत में इसकी अनदेखी की गई है। शर्त की ऐसी अनदेखी कर साफ सफाई में कोताही पर भी एजेंसी के भुगतान में कोई कटौती नहीं की गई है। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने यह भी बताया कि नगर आवास एवं विकास विभाग द्वारा बायोमेट्रिक हाजिरी द्वारा ही भुगतान करने का नियम लागू है। बावजूद इसके एजेंसी द्वारा कोई बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाई जा रही है। ऐसा पाथ्या एजेंसी और उनके सहयोगी कर्मियों की मिलीभगत में जारी बंदरबांट के ‘खेल’ के कारण हो रहे होने की बात उजागर होने की बात महापौर ने कही है। वही सशक्त समिति सदस्यों ने यह भी पाया है कि एजेंसी के एग्रीमेंट में उसके सभी सफाई कर्मियों को ड्रेस देने का उल्लेख है। परंतु ज्यादातर कर्मियों को अभी तक ड्रेस नहीं दिया गया है।

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वही बीते 11 माह से पाथ्या एजेंसी के लिए काम कर रहे अनुबंधित और परमानेंट सफाई मजदूरों को नगर निगम द्वारा ड्रेस नियम विरुद्ध डायरेक्ट राशि का भुगतान कर के सरकारी खाते को चूना लगाया गया है। महापौर ने बताया कि सशक्त समिति की प्रारंभिक जांच में करोड़ों का घोटाला उजागर होने को लेकर संबंधित से अगले बैठक तक में स्पष्टीकरण की मांग करने का निर्णय सर्व सहमति से समिति ने लिया है। नगर निगम द्वारा ज्यादातर सफाई वाहन पाथ्या एजेंसी बहुत कम किराये पर दे दिए गए थे, बचे हुए वाहनों के ईंधन भुगतान पर भी सवाल उठाए गए हैं। एग्रीमेंट के अनुसार निगम को अपना धर्म कांटा लगा लेना था, लेकिन 4 माह के प्रशासक के कार्यकाल के अलावा अभी तक धर्म कांटा नहीं लगाया गया। प्राइवेट धर्म कांटे से कराए जा रहे कूड़े के वजन पर भी सवाल किया गया है। साथ ही धर्म कांटे पर बैठने वाले निगम के कर्मचारियों को बदलने का भी निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्पैरो नाम की आउट सोर्सिंग एजेंसी के द्वारा शहरी भूखंड और मकानों से असेसमेंट कर निर्धारित किए जारहे प्रॉपर्टी/होल्डिंग टैक्स निर्धारण और भुगतान की जांच नगर निगम की सक्षम टीम या कर्मियों से कराए जाने का निर्णय समिति ने सर्व सहमति से किया है। आज की बैठक में सस्थाई समिति के सदस्य उपमेयर गायत्री देवी, मनोज कुमार, दीपक कुमार, शकीला खातून, अफरीना खातून, कुमारी ममता मिश्रा, रोहित सिकारिया, नगर आयुक्त शंभू कुमार, सिटी मैनेजर अरविंद कुमार, कनीय अभियंता सुजय सुमन के साथ कार्यालय के सभी कर्मी उपस्थित रहे। समय के अभाव के कारण बचे हुए एजेंडा पर 16 अगस्त को चर्चा की जाएगी।

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जनवाद टाइम्स