Bihar news वरिष्ठ पत्रकार शशि बाबू के आकस्मिक निधन से एक साहसिक पत्रकारिता युग का अंत

संवाददाता. मोहन सिंह
बेतिया आज बिहार के एक जाने-माने मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पत्रकार शशिभूषण प्रसाद सिंह का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। शशि जी के जाने के साथ ही बिहार के एक साहसिक एवं निर्भीक पत्रकारिता का एक अध्याय समाप्त हो गया । शशि बाबू तो हम सबों को छोड़कर चले गए लेकिन सदा उनकी लेखनी को पत्रकारिता जगत में याद किया जाता रहेगा। मैं उनकी पत्रकारिता का एक वाक्या प्रस्तुत करने से नहीं रुक पा रहा हूं। 27 मार्च 1987 का वाक्या है। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा निवासी एक वरिष्ठ पत्रकार तीर्थराज कुशवाहा का बाल्मीकि नगर के एक दबंग एवं नामी ठेकेदार शंकर सिंह के इशारे पर दस्यु गिरोह द्वारा अपहरण कर लिया गया जो शायद पश्चिम चंपारण के पत्रकारिता के इतिहास में एक पत्रकार के अपहरण की पहली घटना थी उनके अपहरण से पूरे बिहार में हड़कंप मच गया उस समय शशि बाबू प्रदीप हिंदी दैनिक में वरिष्ठ पत्रकार के रूप में काम करते थे। मुझे याद है उन्होंने प्रदीप हिंदी दैनिक के मुख्य पृष्ठ पर लीड समाचार लिखा जिसका हेडिंग था “बाल्मीकि के नगरी में शंकर का आतंक” इस समाचार ने पूरे बिहार को कौन कहे देश को झकझोर कर रख दिया था उस समय के तत्कालीन बहादुर, योग्य एवं कर्मठ पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार गुप्ता पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थापित थे उनके अथक प्रयास,बहादुरी एवं साहस का परिणाम क्या हुआ कि 10 दिनों के अंदर अपहृत पत्रकार श्री कुशवाहा को सकुशल बरामद कर लिया गया। शशि बाबू के निधन पर
पश्चिम चंपारण प्रेस क्लब के अध्यक्ष मोहन सिंह, तीर्थराज कुशवाहा, विकास बिहारी सिंह, सत्येंद्र नारायण शर्मा, के के मिश्र, अवध किशोर तिवारी, अनिसुल वरा आदि पत्रकारों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और उनके निधन को एक अपूरणीय क्षति बताई है। फोटो