Agra Uttar Pradesh : कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर उठाये सवाल

संवाददाता सुशील चंद्र : कांग्रेस की जिलाध्यक्ष श्रीमती मनोज दीक्षित ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि जहाँ एक ओर अधिकारी सत्ता की चापलूसी करने में व्यस्त हैं वहीं दूसरी ओर सत्ता के मंत्री और सांसद मलाई खाने में मस्त हैं।आज शासन और प्रशासन की संवेदनाएं बिल्कुल मर चुकी हैं।जिलाध्यक्ष ने आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह और राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह की संवेदनहीनता पर चिंता व्यक्त की।
जिलाधिकारी पी एन सिंह द्वारा मजदूर महिला के द्वारा बच्चे को सूटकेश पर बैठाकर खींचते हुए ले जाने पर ये बयान देना कि वो भी बचपन में अपने माता पिता के साथ सफर में ऐसे ही जाते थे,ये साबित करता है कि जिलाधिकारी पी एन सिंह का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है वे सत्ता के मद में चूर हैं।मनोज दीक्षित ने जिलाधिकारी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका दिमाग ये नहीं सोच पा रहा कि वे मां-बाप की खुशी के लिए सूटकेश पर बैठे थे लेकिन ये सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए मजदूर किसी खुशी में बच्चों को सूटकेश पर बैठाकर नहीं ले जा रहे हैं, बल्कि ये तो सरकार के ढुल -मुल रवैये के कारण भूखे- प्यासे ही पैदल चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।जिलाध्यक्ष ने राज्य मंत्री द्वारा पिछले दिनों आगरा में सब कुछ ठीक है कोई भी कोविड-19 से संक्रमित नही मरा है ,हमारा आगरा सकुशल है बयान दिया था ।मनोज दीक्षित ने राज्य मंत्री के इस बयान पर चिंता जताते हुए कहा कि आगरा वुहान बन चुका है। आगरा में लगभग 800 व्यक्ति कोरोना संक्रमित हैं और जो संक्रमित हैं उन्हें उचित इलाज नही मिल रहा है।आगरा में बनाये गए क्वारंटाइन सेंटरों की हालत चिंताजनक हैं वहां पर लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वाइरल हो रहे हैं लेकिन राज्य मंत्री जी को तो ये भी दिखाई नहीं दे रहा है।इस महामारी के दौरान सामान्य मरीजों के साथ अस्पतालों में दुर्व्यवहार किया जा रहा है उन्हें इलाज तक नही मिल पा रहा है जिसके कारण आगरा में कई लोगों की मौत तक हो चुकी है लेकिन जिम्मेदार लोग जाने कौन सा चश्मा लगाए बैठे हैं कि उन्हें ये सब दिखाई नही दे रहा है। राज्य मंत्री और जिलाधिकारी की संवेदनहीनता के कारण आगरा के लगभग हर मोहल्ले तक कोरोना अपने पैर पसार चुका है। लोग रोते बिलखते अपनी व्यथा बता रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नही है अधिकारी चापलूसी में व्यस्त हैं तो मंत्री मलाई खाने में व्यस्त हैं।जिलाध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आगरा में तो अंधेर नगरी चौपट राजा,टके सेर भाजी टके सेर खाजा। वाली कहावत चरितार्थ होती दिखाई दे रही है।