Agra News: विद्यालय पर लटके ताले घर बैठे ले रहे मोटी पगार
संवाद जनवाद टाइम्स न्यूज़
बाह: शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। प्रदेश में लॉकडाउन के बाद बच्चों को शैक्षिक क्रिया कलाप में व्यस्त रखने के उद्देश्य से सरकार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के विद्यालय जाकर बच्चों के नामांकन करने सहित अन्य विद्यालयी कार्य करने के आदेश जारी किए हैं।जिसमें विद्यालयों में सौ प्रतिशत स्टाफ की उपस्थिति अनिर्वाय की गई है।
लेकिन बाह तहसील के विद्यालयों में सरकार के ये नुमाइंदे अपनी मनमर्जी का खेल खेल रहे हैं।शिक्षक घर बैठे ही यदा कदा विद्यालय जाकर पूरी उपस्थित दिखा देते हैं।विद्यालयों में ताले लटके होने की खबरें लगातार प्रकाशित होती रहती हैं।पिछले दिनों जैतपुर ब्लॉक के ही चौरंगाहार व सामर मऊ के विद्यालयों की तस्वीरें वायरल हुई थी जिनमें सांमरमऊ के विद्यालय में तो जानवरों का तबेला बना हुआ था और शिक्षक शिक्षिकाएं नदारद थी।
मंगलवार को भी जैतपुर ब्लॉक के ही प्राथमिक विद्यालय चंद्रपुर में सुबह साढ़े दस बजे तक ताला लटका हुआ था वही ग्रामीणों की माने जो शिक्षक यदा-कदा ही आते हैं।विद्यालय बंद होने पर जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक से फोन पर वार्ता की गई तो उनके द्वारा छुट्टी का बहाना बनाकर टहला दिया गया और जब अन्य स्टाफ व शिक्षकों के बारे में जानकारी लेना चाहा तो वे टाल मटोल कर गए।जब इस मामले में ग्राम प्रधान से बातचीत की गई तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर की। ऐसे में सवाल यह है कि ऐसे शिक्षक व प्रधानाध्यापक जो सरकार से लाखों रुपये हर माह तनख्वाह के रूप में पा रहे हैं उन्हें सरकार के आदेशों का तनिक भी डर नहीं।और तो और शिक्षा विभाग के व प्रशासन के आला अधिकारी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं करते ? यह बड़ा सवाल है।
दूसरा ये लोग अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की खातिर बड़े बड़े विद्यालयों में अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलवाना चाहते हैं और स्वयं दूसरों के बच्चों के भविष्य को अंधकार में ले जा रहे हैं।क्या ऐसे शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों का जमीर गवाही नहीं देता है विद्यालय आने के लिए?