Breaking Newsअंबेडकर नगरउतरप्रदेश

अम्बेडकर नगर न्यूज : प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उप केंद्र मकान की हालत जर्जर खंडहर लोग परेशान

संवाददाता पंकज कुमार

अम्बेडकर नगर जनपद के तहसील जलालपुर अन्तर्गत अरई गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर हर प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं ।

प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उप केंद्र अरई की हालतजर्जर खंडहर। इस प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उप केंद्र पर, यहां कागज में दो एनम।एक सी. एच. ओ. नियुक्त हैं। जहां हवा में (ऑनलाइन) स्वास्थ्य विभाग की सारी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।हालांकि एनम द्वारा भ्रमण का काम तो किया जाता है।सी. एच. ओ. और एनम ने बताया कि इस जर्जर और खंडहर मकान में हम लोग बैठकर किस प्रकार स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। अब यहां प्रश्न यह उठता है यह किसकी लापरवाही से यह मकान अभी तक जर्जर और खंडहर है। जिसपर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अभी तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आपको बता दें मामला कई बार क्षेत्रीय लोगों ने मीडिया के माध्यम से विभाग को अवगत करा चुके हैं,
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गांव की जनता तक कारगर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं । हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर द्वारा मरीज़ों को देखने की सुविधाएं, दिन में दो बार, कम से कम 4 घंटे सुबह व 2 घंटे शाम को दी जानी चाहिए
।आखिर ग्रामीणों को कब सेवाएं हकीकत में उपलब्ध होंगी। उपकेन्द्र के कार्यों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं शामिल है। टीकाकरण सेवाएं सुरक्षित गर्भपात, सुरक्षित पेयजल, और बुनियाद स्वच्छता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन सहित परिवार नियोजन सेवाएं सर्वेक्षण और डेटा संग्रह और समुदाय की आवश्यकता का मूल्यांकन (CNA) भी उप केंद्र के कार्यों में शामिल है।अम्बेडकर नगर न्यूज : प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उप केंद्र मकान की हालत जर्जर खंडहर लोग परेशान

आजकल स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष पद समाप्त कर दिया गया है। और एनआरएचएम के तहत प्रत्येक उपकेंद्र में 2 एएनएम हैं। (एएनएम) समुदाय को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करती हैं।प्रत्येक उपकेंद्र में 3000 से 5000 की आबादी शामिल हैं, पहाड़ी आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में 3000 जबकि मैदानी इलाकों में 5000 आबादी शामिल है।उप स्वास्थ्य केंद्र सरकारी स्वास्थ्य विभाग जमीनी स्तर का स्वास्थ्य व्यवस्था है ।एक उप स्वास्थ्य केंद्र 3,4 गांव को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है, पहले प्रत्येक उपकेंद्र में एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला एएनएम और एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष (एमपीएचडब्ल्यू) था।
ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं दो लिंक कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदान की जाती हैं। यह हैं आशा वर्कर, और आंगनवाड़ी वर्कर, आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हैं।जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आईसीडीएस योजना से जुड़ी हैं, दोनों कार्यकर्ता एक हजार की आबादी पर काम करते हैं।जहां केंद्र और प्रदेश सरकार क्रोना के नए वेरिएंट को लेकर सजग हैं, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ी तैयारी चल रही है।वहीं जलालपुर के अरई गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पर हर प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही है, यह उप स्वास्थ्य केंद्र पूरा जर्जर और खंडहर बन चुका है। मामला कई बार मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आ चुका है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी इसकी सुध लेने नहीं आया है, कि इसकी हकीकत क्या है।
जबकि इसका गाटा संख्या 293 है। क्षेत्रफल ( हे.) 0.061 पांच बिस्वा भूमि महिला अस्पताल के नाम दर्ज है, और पूरी तरीके से जंगल में तब्दील हो चुका है। फिर एक बार समाजसेवी संदीप यादव द्वारा इसके के लिए मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र दिया गया है।पत्र में इस मामले को गंभीरता से जांच करवाते हुए स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गई है। और जल्द से जल्द सारी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल की जाएं जिससे ग्रामीण लोगो को नजदीकी में स्वास्थ्य सेवा ओ का लाभ मिल सके।

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स