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मेरठ न्यूज: ना तो नाले का पता और ना ही नाले का पता है। नाले की टूटी दीवार दुर्घटना को देती आमंत्रण

संवाददाता: मनीष गुप्ता

मेरठ जिले में कुछ जगहों पर पीडब्ल्यूडी की अनदेखी के चलते शहर के कई छोटी छोटी पुलियाओं की स्थिति बहुत ही खराब हुई पडी है। नालों की किनारों से दीवारे एक तो बहुत कम उचाई की बनी हुई है। दूसरा जो दीवार बनी हुई है वो भी पूरी तरह से सही नही है। दूसरा नाले में गिरने का भय बना हुआ है। पुल के किनारे से दिवार टूटने से आस-पास से कोई भी वाहन चालक को नुकसान पहुंच सकता है भयंकर बारिश में नालों में पानी बहुत फुल भरकर चलता है। नाले की दीवार की स्थिति को जानने के बाद अब तक यहाँ दिवार के कार्य पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कयोंकि रात के समय में जनहानि हो सकती हैं। रात के समय में वाहन चालकों के साथ दुर्घटना की आशंका अधिक होती है। यह इतना गहरा नाला है कि अगर कोई गिर भी जाऐ तो जान जाने का भी खतरा बन जाता हैं। दूसरा नाले में इतनी गंदगी भरी है। अगर कोई नाले में गिर गया तो उसका पता भी नहीं चलेगा। और वह उसी गंदगी में डूब कर मर सकता है। रात्रि के समय लोग तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं।

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