प्रयागराजसम्पादकीय

prayagraj News जया मोहन की कहानी ‘ रुठा बसंत ‘

समीक्षक -अरुण तिवारी

किताब – रुठा बसंत
विधा – कहानी संग्रह
लेखिका – जया मोहन
संपर्क सूत्र -9452007161
प्रकाशक – रवीना प्रकाशन
लेखक परिचय – जयश्री श्रीवास्तव 24-12-1953 का जन्म उत्तर प्रदेश के महोबा मे हुआ था| इनका साहित्य से बहुत पुराना रिश्ता रहा है इन्होंने कई पुस्तकें लिखी है जिनमें “किससे कहूं “(कहानी संग्रह), “झोंका पवन का “(कहानी गीत संग्रह)ये तमाम पत्र-पत्रिकाओं में गीत,कहानी लघु कथा आदि का लेखन करती हैं और गीत,गजल कहानी,बालगीत, बाल कहानी एवं लघुकथा में हाथ अजमा रही है और ये पूर्व में सहायक सचिव,(माध्यमिक शिक्षा परिषद) भी रह चुकी है मानव भूषण श्री सम्मान 2013 ,महादेवी रत्न सम्मान 2016,इलाहाबाद प्रतिभा सम्मान 2018 तथा पहल संस्था इलाहाबाद दॖवारा सम्मानित 2018 और बहुत सारे पुरस्कार इनको मिले है|

 

 

prayagraj News जया मोहन की कहानी ' रुठा बसंत 'रुठा वसंत (समीक्षा )

जया जी की लेखनी में आपको पुराने साहित्यकारों जैसी समझ तथा एक अलग सीख मिलती है|
जयश्री जी ने रुठा बसंत में उन समस्याओं तथा उसके प्रति अपनी समझ को कहानी के माध्यम से पिरोया है, शायद ही ऐसा कोई लेखक कर पाए।
रुठा बसंत में कुल 6 कहानी (बिन्नू, साध्वी, ललबी, बल्लो दाई, मेढ़ा,पाषाणी) हैं।
जिसमें सभी कहानियों में एक अलग सीख तथा समझ जया जी ने उत्पन्न किया है।
बिन्नू- बिन्नू कहानी समाज के उच्च तकबे की है ,जो हमारे समाज को सबसे बड़ा संदेश देती है कि अमीर गरीब में क्या भेद है तथा क्या उनको सत्यता से जीने का अधिकार नहीं है क्या उनके बच्चे पढ़ नहीं सकते फिर जब वह बाद में अच्छे पद पर पहुंच जाते हैं तब फिर व्यवहार ऐसा क्यों नहीं रखते,यह कहानी आज के समाज के रवैये के उपर है |
साध्वी- ये कहानी एक महिला की दृढ़ता उजागर करती है कि धन कभी-कभी कितना अभिशाप हो जाता है लेकिन फिर भी कुछ लोग होते हैं जो अपने दायित्व को समझते हैं|
“साध्वी कहती है सच्चा इंसान वही है जो परिस्थितियों का मुकाबला करें”|

 

prayagraj News जया मोहन की कहानी ' रुठा बसंत 'पाषाणी – पाषाणी बनना सबके बस की बात नहीं है एक महिला के अंतर्मन मैं चल रही पीड़ाओं का संकलन है वह सभी महिलाओं की तरह ही थी लेकिन बस उसके अंदर कुछ कठोरता थी होनी को कौन टाल सका है लेकिन उसके दिमाग में बैठा अपशगुन निकल ही नही रहा था फिर भी उसने बहुत कुछ खो कर उसने कुछ पा लिया | जया जी की सभी कहानियों में एक अलग स्वाद है आप इसमें गोता लगा सकते हैं|
मैं आशा करता हूँ आप निराश नहीं होंगे बल्कि कुछ सीखने को ही मिलेगा।

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