आत्म हत्या के सम्बंध में नगर पालिका जसवंत नगरपरिक्षेत्र के लोगों के बीच सोशल मीडिया पर सार्थक बहस व पहल
लेखक: डॉ. धर्मेंद्र कुमार
इटावा की जसवंत नगर नगर पालिका परिषद सुझाव एवं शिकायत समूह पर संभ्रांत नागरिकों एवं विशिष्ट जनों के साथ मेरा मोबाइल नंबर मुझे बिना किसी पूर्व सूचना के जोड़ दिया। जिसके लिए धन्यवाद । प्रत्येक व्हाट्सएप ग्रुप पर ज्यादातर बेवजह पोस्ट आती जाती रहती हैं किंतु अचानक नगर पालिका ग्रुप पर यादव नगर निवासी सर्राफा व्यवसाई के पुत्र की आत्महत्या की सूचना मिली। खबर बेहद दुखद और मन को विचलित करने वाली थी , कम उम्र के बच्चों, युवाओं ,युवतियों, किशोरों, किशोरियों द्वारा इस तरह आत्महत्या करना, फिर उम्र दराज लोगों द्वारा उनके लिए विनम्र श्रद्धांजलि लिखना पीड़ादायक हो जाता है ।
मुझे भी आत्मिक दुख के साथ आत्मग्लानि हुई और बढ़ती हुई आत्महत्या के कारणों को नगरीय लोगों से जानने की जिज्ञासा जाहिर कर दी । स्वतंत्र विचारों का आदान-प्रदान शुरू हुआ जिसमें छिमारा रोड निवासी मेघ सिंह वर्मा ने लिखा कि जीवन में निराशा पैदा होना आत्महत्या का प्रमुख कारण है । जबकि अशोक क्रांतिकारी ने विचार व्यक्त किया कि नशे की आदत के साथ फोन का प्रयोग आत्महत्या का कारण है। वहीं समाजसेवी सतीश शाक्य ने सामाजिक दृष्टिकोण से विचार व्यक्त करते हुए लिखा कि अंतरजातीय, अंतर धार्मिक विवाह की अड़चन युवाओं में आत्महत्या का कारण है। अन्य विचारों का विचार व शब्दावली उपयोगी नहीं थी जिसे लेख में स्थान देना उचित होता।
मेरा अपना निजी विचार किसी दस्तावेज के अनुकूल भले ही न हो किंतु आत्महत्या के विभिन्न कारणों पर भी हमें विचार करना चाहिए। गलत संगत में फस कर गलत आचरण करना, प्रेम प्रसंग में भटक जाना, बेवजह फोन इस्तेमाल जिसमें हद दर्जे की अश्लीलता परोसी जा रही है , बच्चों के माता-पिता दोनों का अधिक समय तक घर से बाहर ऑफिस जाना या बाहर रहना जिससे बच्चे अकेले रह जाते हैं, बच्चों का जिद्दी स्वभाव साथ ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से प्राप्त हॉस्टल शिक्षा, भी आत्महत्या का प्रमुख कारण बना हुआ है।
धार्मिक रूप से ठगी होना तथा अन्य तरीके से ठगी का शिकार हो जाना ,संपत्ति या धन का किसी दूसरे के द्वारा जबरदस्ती आहरण या कब्जा कर लेना और खुद का बेदखल हो जाना , व्यापारिक रूप से एक बड़ी संपत्ति का डूब जाना, न्यायालय या सामाजिक स्तर से बहिष्कार, पत्नी और पति में कलह के बाद पति पत्नी का अलग-अलग हो जाना अर्थात संबंध विच्छेद हो जाना, बच्चों द्वारा माता पिता द्वारा प्रताड़ना या बाप द्वारा बच्चों के प्रति सदैव गरम रख, सौतेली मां के आने पर बच्चों के साथ सौतेले व्यवहार से उत्पन्न खिन्नता, पति का किसी गैर महिला से तथा महिला का किसी गैर मर्द से नाजायज संबंधों का खुलासा, अंतरजातीय अंतर धार्मिक प्रेम संबंधों पर आपत्ति, नशाखोरी, बेरोजगारी ,आज भी प्रथम दृष्टया इसके कारण बने हुए हैं । वहीं बच्चियों व किशोरियों का बलात्कार, यौन शोषण ,आए दिन समाज के भीतर इस तरह के घिनौने कृत्य भी समाज में किशोर किशोरियों को आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इन सबके लिए हम और हमारा समाज ही जिम्मेदार है। हमें और हमारे बीच में अकेलापन जहां समाज और परिवार में अब संवाद के स्थान पर संवाद हीनता ने अपना स्थान ले लिया ले लिया है हमें किसी भी हालत में इन समस्याओं से निजात पाना होगा ।समाज के भीतर एक बड़ी पहल करनी होगी जिससे हमारे किशोर और किशोरियों सामाजिक और सांस्कृतिक होने के साथ समाज के लिए उपयोगी साबित हो सके।




