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Mahakumbha Nagar Prayagraj News:राष्ट्रीय खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन: ‘चरखा क्रांति’ से आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम

रिपोर्ट विजय कुमार

महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 के अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय खादी प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ किया। कुंभनगरी के महात्मा गांधी मार्ग स्थित सेक्टर-। में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। उनके साथ शहर उत्तरी के विधायक हर्ष वर्धन वाजपेयी, प्रयागराज के महापौर गणेश केशरवानी और केवीआईसी उत्तर क्षेत्र के सदस्य नागेंद्र रघुवंशी भी उपस्थित रहे। यह प्रदर्शनी 26 फरवरी तक संगम नगरी में जारी रहेगी।

इस प्रदर्शनी में 20 से अधिक राज्यों के 152 स्टॉल प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें 98 खादी उत्पादों और 54 ग्रामोद्योग उत्पादों के स्टॉल शामिल हैं। ये स्टॉल देश के हर कोने से आई कला, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन हैं, जिसमें कश्मीर के ऊनी वस्त्र, तमिलनाडु की सिल्क साड़ियां, नागालैंड की लकड़ी की कलाकृतियां, और बनारस के पारंपरिक वस्त्र खास आकर्षण हैं।

महाकुंभ: आस्था, परंपरा और आत्मनिर्भरता का संगम
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय आत्मनिर्भरता और परंपरा का प्रतीक भी है। खादी, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का संदेश देती थी, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का परिचायक बन चुकी है।

उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग प्रधानमंत्री के आह्वान “खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन” के अंतर्गत नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। अध्यक्ष कुमार ने आगंतुकों और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और ‘वोकल फॉर लोकल’ के माध्यम से भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहन दें।

152 स्टॉल्स में देश की विविधता का प्रदर्शन
प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का विस्तृत संग्रह प्रदर्शित किया गया है। इसमें खादी वस्त्र, हस्तशिल्प, घरेलू सजावट के सामान, जैविक उत्पाद और कई स्थानीय कारीगरों के उत्कृष्ट उत्पाद शामिल हैं। कश्मीर से तमिलनाडु और महाराष्ट्र से नागालैंड तक, पूरे भारत की विविधता को एक ही छत के नीचे देखा जा सकता है।

खादी: आत्मनिर्भरता का प्रतीक
प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान अध्यक्ष कुमार ने कहा कि खादी न केवल वस्त्र है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का प्रतीक है। यह महाकुंभ जैसे आयोजनों के माध्यम से न केवल खादी की पहचान को बढ़ावा देता है, बल्कि स्थानीय उद्योगों और कारीगरों को नई दिशा प्रदान करता है।

खादी प्रदर्शनी में खास क्या है?
इस प्रदर्शनी में बच्चों के खिलौने, घरेलू उपयोग की चीजें, हस्तशिल्प से बनी सजावटी सामग्री, और पारंपरिक खादी वस्त्रों का समावेश किया गया है। देशभर से आए कारीगर अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं, जो गुणवत्ता और परंपरा का सुंदर संगम हैं।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: Inauguration of National Khadi Exhibition: A step towards self-reliant India with 'Charkha Revolution'

प्रदर्शनी में हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास है, जहां एक ओर यह भारतीय संस्कृति की झलक देती है, वहीं दूसरी ओर यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रधानमंत्री के विजन को साकार करती है।

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जनवाद टाइम्स