Lucknow News :बसंत पंचमी पर लखनऊ विश्वविद्यालय में महाकुंभ 2025 कार्यक्रम आयोजित

रिपोर्ट विजय कुमार
महाकुंभ नगर लखनऊ।बसंत पंचमी के पावन अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के योग विभाग, फ़ैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेट मेडिसिन के तत्वावधान में ‘महाकुंभ 2025’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन योग सभागार में किया गया। इस विशेष आयोजन का शुभारंभ कलश पूजन एवं माँ सरस्वती पूजन के साथ हुआ, जिसमें संकाय के शिक्षक, विद्यार्थी और शोधार्थियों ने भाग लिया।
महाकुंभ का महत्व – आस्था, विज्ञान और संस्कृति का संगम
फ़ैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने अपने संबोधन में महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ आस्था, विश्वास और एकता का प्रतीक है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से भी संगम के जल का स्नान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है, जिससे तन और मन दोनों प्रभावित होते हैं।
अध्यात्मिक और नैतिक विकास का माध्यम – महाकुंभ
फ़ैकल्टी के अधिष्ठाता प्रो. अशोक कुमार सोनकर ने कहा कि महाकुंभ केवल स्नान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अध्यात्मिकता के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से व्यक्ति के आध्यात्मिक और नैतिक विकास के साथ-साथ शरीर की शक्तियों का जागरण होता है।
भारतीय अध्यात्मिकता का महाकुंभ
योगाचार्य राजेश कुमार द्विवेदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि महाकुंभ भारतीय अध्यात्मिकता का सबसे बड़ा पर्व है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में भाग लेने से मन की चंचलता पर नियंत्रण प्राप्त होता है और मानसिक विकास होता है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
इस कार्यक्रम में योग विभाग की छात्राओं ने भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया—
निकिता त्रिगुणायत ने शिव स्तुति एवं महाकुंभ नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
रागिनी ने अपनी प्रस्तुति ‘नमामी’ नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रंजन, अंकिता, मनीषा और दिव्या ने ‘आदियोगी’ थीम पर नृत्य-नाटिका प्रस्तुत कर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।
संदीप त्रिवेदी ने अपने एकल काव्य पाठ से कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
प्रतिभागियों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर योग विभाग के शिक्षक, छात्र-छात्राएँ एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।