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Etawah UP : पर्यटकों को लुभाएगी सिंबा-सुल्तान की जोड़ी, इटावा लायन सफारी खुलने पर कारोबार को मिलेगी रफ्तार

 

संवाददाता महेंद्र बाबू : कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से चरमारई इटावा जिले की अर्थव्यवस्था लायन सफारी खुलने से पटरी पर आने की उम्मीद बढ़ गई है। कई साल से शेरों को देखने के इंतजार में बैठे पर्यटकों को यहां तक लाने के लिए जुलाई में इसे खोलने की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। पहले चरण में केवल पांच शेरों को पर्यटकों के सामने लाया जाएगा, जिसमें सगे भाई सिंबा और सुल्तान की जोड़ी सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होगी

इटावा सफारी के निदेशक वीके सिंह के मुताबिक इसके पहले सफारी से केवल ढाई महीने में एक करोड़ रुपये टिकट के जमा हुए थे। रोजाना करीब 15 हजार पर्यटक आ रहे थे, जबकि उस समय शेरों को बाहर नहीं लाया गया था।

सफारी बनने के समय से ही यूपी और आसपास के प्रदेश के लाखों लोग शेरों को देखने के इंतजार में हैं। जुलाई तक अनलॉक की गाइडलाइन के तहत इसबार चिंकारा, भालू, हिरन, तेंदुओं के साथ लायन सफारी को भी खोलने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

लायन सफारी में सिंबा और सुल्तान नाम के दो शेर एक ही माता-पिता की संतान हैं। पैदा होने के बाद से दोनों एक ही साथ रहे हैं और उनमें इंसानों जैसा प्यार एक दूसरे के प्रति देखने को मिलता है। यह दोनों पयर्टकों के लिए अच्छा आकर्षण होंगे।

◆. होटल, ट्रांसपोर्ट सहित अन्य कारोबार बढ़ेगा
निदेशक वीके सिंह का कहना है कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद लोग जंगली या पहाड़ी क्षेत्रों में जाकर कुछ समय बिताना चाहते हैं। 15 जून से दुधवा, कर्तनिया सहित वन्य जीवों वालें सभी पर्यटन स्थल बंद हो चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में पर्यटकों के यहां आने की संभावना है। इससे मंदी के दौर से गुजर रहे जिले के होटल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित कई व्यापार को रफ्तार मिलने के साथ स्थानीय लोगों के लिए कारोबार का अवसर भी बढ़ेगा।

एशियाटिक शेरों की शुद्ध प्रजाति को देखने का मिलेगा मौका
वीके सिंह के मुताबिक जूनागढ़ के बाद इटावा दूसरा सफारी है जहां एशियाटिक शेरों की शुद्ध प्रजातियां रखी गई हैं। इनके डीएनए की जांच से इनका सात पीढ़ी पुराना इतिहास पता लगाया जा चुका है। उनका कहना है इसलिए इटावा सफारी को ब्रीडिंग सेंटर बनाया गया है कि शेरों की शुद्ध नस्ल को प्रदेश के बाकी चिड़ियाघरों तक पहुंचाया जा सके। अभी तक अन्य चिड़ियाघरों में अफ्रीकन और एशियाटिक शेरों की शंकर प्रजाति मौजूद है।

◆. एंट्री गेट पर गाड़ी के पहिए तक होंगे सैनिटाइज
सफारी में पर्यटकों और जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। एंट्री गेट से लेकर जानवारों के बाड़ों तक के रास्तों पर सैनिटाइजेशन पाउंड बनाए गए हैं। इनमें पानी में सैनिटाइजर का घोल डाला गया। इससे गाड़ी के टायर भी सैनिटाइज होते रहें। वीके सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को कर्मचारियों के लिए फायर सेफ्टी के काम आने वाले डोंगरी मंगवाए गए हैं। इसे पहनकर कर्मचारी जानवरों के बाड़ों जाएंगे।

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