Breaking Newsइटावाउतरप्रदेश
Etawah News: जनता की निःस्वार्थ सेवा के लिए बना है श्री शंकर धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय

संवाददाता विकास यादव
इटावा। श्री शंकर धर्मार्थ नेत्र चिकित्सालय की स्थापना सेवा धर्म के संकल्प के साथ की गई है जो हमेशा ही जनता की निस्वार्थ सेवा करता रहेगा। गरीबों के निःशुल्क उपचार के लिए हमारे अस्पताल के दरवाजे पूरी प्रतिबद्धता के साथ सदैव खुले रहेंगे। ये विचार धर्मार्थ चिकित्सालय के सातवें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के संस्थापक एवं आजीवन सदस्यों ने अपने सम्बोधन में व्यक्त किए। मुख्य अतिथि जगदीश प्रसाद पांडे ने कहा कि नेकी के रास्ते में बाधाएं भी आती हैं, लेकिन यदि संकल्प पवित्र है तो लक्ष्य हासिल होता है। शिक्षाविद डा0 विद्याकान्त तिवारी ने कहा कि सेवा का धर्म सबसे कठोर होता है लेकिन जो सच्चे सेवाव्रती होते हैं, वे हर तरह की कठिनाई और अपमान की बाधा को पार कर जाते हैं और यह काम राहतपुर के स्वनामधन्य सेवाधर्मी राजेन्द्र कुमार दीक्षित ने अपने सेवा संकल्प से साबित कर दिया है।

चिकित्सालय के कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र दीक्षित ने अपने संबोधन में कहा कि बीते सात सालों में इस अस्पताल ने लाखों लोगों को नेत्र चिकित्सा सेवा से लाभान्वित किया है और हजारों लोगों को नई नेत्र ज्योति प्रदान की है। यह सब हमारे उदारमना सदस्यों के सहयोग से ही सम्भव हुआ है। उन्होने कहा कि आज हम पुनः संकल्प व्यक्त करते हैं कि जो भी गरीब मरीज होंगे हमारा अस्पताल उनके निःशुल्क उपचार के साथ-साथ उनके आपरेशन भी निशुल्क करता रहेगा। कार्यक्रम में उमाकान्त श्रीवास्तव, सत्यप्रकाश उपाध्याय, हरसहाय पाठक, राजेन्द्र शर्मा, डा0 आर0के0 एस0 भदौरिया व डा0 राहुल सिंह ने भी विचार रखे। एपीएन दुबे ने सभी का स्वागत व संचालन आचार्य महेश तिवारी ने किया। अध्यक्षता कै0 उपदेश नारायण त्रिपाठी ने की। कवि गोविन्द माधव शुक्ल, हरीशंकर त्रिपाठी व रोहित चैधरी ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम में बी0के0 सिंह, श्याम सुन्दर दीक्षित, विनोद त्रिपाठी, घनश्याम तिवारी, महेश चन्द्र तिवारी (अलकापुरी), मुकेश शुक्ला, आशाराम मिश्रा, ओमनारायण शुक्ल, विनोद दीक्षित, डा0 आर0के0एस0 यादव, जगदीश यादव, हरिदत्त दीक्षित, बंटी बाजपेयी, राममनोहर दीक्षित, रामकुमार दुबे विशेष रूप से उपस्थित रहे।