रिषीपाल सिंह इटावा । कस्बा बसरेहर, सविता समाज के संरक्षक श्री मनोज कुमार सविता ने कहा कि कोराना महामारी को लेकर लॉक डाउन में सविता समाज के वह व्यक्ति जो सैलून चलाते थे, गांव-गांव में छोटे-मोटे कस्बे में भी इसी के माध्यम से अपनी रोजी रोटी कमाते थे,जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता था, तथा इसी के सहयोग से वह अपने बच्चों को आगे बढ़ाने की कोशिश करते थे साथ ही साथ समाज के महत्वपूर्ण अंग जो समाज की सेवा में भी सदैव हर तबके के साथ आदरणीय भूमिका निभाता है।
आज इस देश में लाखो की संख्या में सविता नाई समाज के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हैं, हालात यहां तक है कि वह न तो मांग सकते हैं और ना कह सकते हैं, जिसके सहारे वह जीवन काट सकते थे वह कार्यक्रम भी लगभग लॉक डाउन की भेंट चढ़ गया है, स्थित यहां तक पहुंच गई कि अब करे तो क्या करें केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज से औद्योगिक घराने के लोग लाभान्वित हुए 1 बड़ी विडंबना है जैसे संगठन हेयर कटिंग सैलून जो गांव का गरीब चलाता है उसे इंडस्ट्रीज बताकर किस तरीके से नाई समाज के गरीब वह लोग जो ग्रामीण क्षेत्र में इस काम में लगे हुए हैं कैसे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं उनके साथ केंद्र सरकार द्वारा कैसा घिनौना मजाक किया जा रहा है श्री सविता ने कहा कि केंद्र सरकार इस 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज से इंडस्ट्रीज की सहायता करने की बात कहता है तो फिर नाई समाज को इंडस्ट्रीज बताकर क्या केंद्र सरकार उनकी मदद करना चाहती है, स्पष्ट करें और ग्रामीण क्षेत्रों में सैलून चलाने वाले कटिंग करने वाले पूरे देश में है इनकी संख्या लाखो में है उन सब को भी इंडस्ट्रीज घराने की तरह मदद की जाए बगैर ब्याज गारंटी के उन्हें भी लोन दिया जाए जिससे वह भी सरकार द्वारा इंडस्ट्रीज घोषित किए गए है तथा इस व्यवसाय को चला सके और फिक्की की बात के अनुसार इंडस्ट्रीज माने जिससे समाज भी गरीबी रेखा से ऊपर उठ कर अपने आप को समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। मेरा सविता समाज तथा इस समाज में पैदा हुए लोग मेरी बात को सरकार के समक्ष रखें और समाज को लाभान्वित कराने का प्रयास करें।