Etawah News: कोरोना के चलते जसवंतनगर में 162 वर्ष में पहली बार नही होगी राम लीला

संवाददाता – आशीष कुमार
जसवंतनगर/इटावा: कोरोना संक्रमण ने लोगों की रोजी रोटी, व्यापार और देश की आर्थिक और सामाजिक स्थित को चरमराकर रख दिया है। अब देश की सांस्कृतिक विरासितों पर भी इसका सीधाअसर दिखने लग गया है।पूरे देश में मैदानी रामलीलाओं में उत्कृष्ट गिनी जाने वाली औरअंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को द्वारा घोषित ‘नम्बर वन विश्वविरासत’ जसवंतनगर की रामलीला पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। यदि कोरोना का प्रकोप न होता, तो यह रामलीला महोत्सव 14 अक्टूबर से आरंभ हो जाता और करीब 20 दिन यह चलता।25 अक्टूबर को दशहरा आयोजित होता और मैदानी लीलाओं के प्रदर्शन के साथ रावण वध होता।
रामलीला समिति जसवंतनगर के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू और संयोजक ठाकुर अजेंद्र सिंह गौर ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत सरकार ने अनलॉक 5 के लिए जो निर्देश जारी किए, उनके रहते यहां की रामलीला के लिए प्रशासन अनुमति देने में असमर्थ है, क्यों कि यहां की रामलीला में लीलाएं मंचीय नही होतीं, बलिक लीलाओं का प्रदर्शन मैदानी तौर पर होता, नवमी और दशहरा के दिन तो पूरे नगर में सड़कों पर लीलाएं होतीं। यहां होने वाली लीलाओं में रोज हजारों लोग जुटते और नवमी, दशहरा और गणेश, शंकर और रामबारात की शोभायात्राओं में भीड़ लाख की संख्या पार कर जाती है। कोरोना प्रोटोकॉल में मात्र 100-200 लोगों की अनुमति है , ऐसे में रामलीला समिति राम की लीलाएं इस वर्ष कराने में असमर्थ है।उन्होंने बताया कि राम की कृपा से रामलीला समिति पर कोई आर्थिक तंगी नही है। मगर हम हर पग पर प्रसाशन के साथ हैं।
प्रबंधक राजीव गुप्ता और संयोजक अजेंद्र गौर ने बताया कि जसवंतनगर की रामलीला से लोगों का आत्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह का जुड़ाव शुरू से ही है। लोग वर्ष भर इसका बेसब्री से इंतजार करते, मगर दुर्भाग्य से इस बार लीलाएं नही हो पा रहीं फिर भी सगुन और प्रथा के तहत 18 अक्टूबर को कटरा पुख्ता स्थित नरसिंह मंदिर में परंपरागत तरीके से राम लक्ष्मण आदि पात्रों का श्रृंगार होगा , लोग कोरोना प्रोटोकॉल का तहत भगवान की आरती कर सकेंगे और राज्यभिषेक के साथ इस वर्ष की रामलीला कुछ ही घण्टों में संपन्न कर दी जाएगी। गणेश शोभा यात्रा समिति ने भी राम लीला महोत्सव शुरू होने से पूर्व निकलने वाली गणेश शोभायात्रा को रद्द कर दिया है। मगर 14 अक्टूबर को खटखटा बाबा की कुटिया गणेश प्रतिमा विराजित कर हवन आदि कर प्रथा को टूटने नही देगी। यह जानकारी समिति के पदाधिकारियों डॉ पुष्पेंद्र पुरवार, अभिषेक यादव बल्लू, जितेंद्र वर्मा जीतू ने दी है।