Bihar news पश्चिम बंगाल में हुए डबल मर्डर मामले में आज बिहार इंसाफ मांग रहा है

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
अब अंशु व अनिमेष ये दोनों बिहार के लाल जिन्दा नहीं हैं, लेकिन उनकी आत्मा भटक रही है औऱ कोलकाता की तारातल्ला थाना पुलिस की कार्रवाई पर परिजनों ने सवाल खड़े किये हैं। लिहाजा पीड़ित परिवार ने मामले में सरकार से हस्तक्षेप क़र घटना की उच्च स्तरीय जाँच करवाकर उन्हें न्याय दिलाने की मांग किया है । इधर रामनगर की बीजेपी विधायक पद्मश्री भागीरथी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औऱ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय दिलवाने की अपील की है । ताकि फ़िर किसी बिहारी छात्र के साथ ऐसी वारदात न हो ।
हालांकि इसके लिए विधायक ने सदन में भी आवाज़ उठाई है। दूसरी ओर इस मामले में केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दूबे ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में ममता की सरकार महज़ मुखौटा है, वहां गुंडों का राज़ है। ज़ब लोकल लोग महफूज़ नहीं हैं, तो वहां बिहारी औऱ बाहरी कैसे सुरक्षित रहेंगें। दरअसल इंडियन मैरिटाइन यूनिवर्सिटी कोलकाता में बिहार के इन दो मेधावी छात्रों अंशु कुमार श्रीवास्तव औऱ अनिमेष राज़ की हत्या क़र शव क़ो कैंप्स स्थित पोखरा में फेंक दिया गया था। घटना 5 मई 2017 की है ज़ब रामनगर निवासी अंशु व पटना निवासी अनिमेष के दोस्तों ने साज़िश क़र उन्हें हॉस्टल से बाहर बुलाकर तालाब किनारे लें गए फिर उनके साथ बुरी तरह मारपीट की बाद में उन्हें मौत के घाट उतार क़र आरोपियों ने ख़ुद तारातल्ला थाने की पुलिस क़ो घटना की सूचना दीं थी। घटना की सूचना पर पश्चिम बंगाल पहुँचे परिजनों ने 6 मई क़ो अंशु व अनिमेष के साथियों द्वारा मारपीट क़र तालाब में डुबो क़र हत्या का मुक़दमा दर्ज़ कराया । लेकिन अनुसंधान में पुलिस ने लीपापोती क़र कॉलेज प्रबंधन के प्रभाव में आकर साक्ष्य जुटाने के बजाए साक्ष्य मिटा दिया है। यहाँ तक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी गड़बड़ क़र दिये जाने का आरोप लगा है।बताया जा रहा है की बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िला अंतर्गत रामनगर निवासी अंशु कुमार श्रीवास्तव औऱ राजधानी पटना निवासी अनिमेष कुमार राज़ ने उस वक़्त मैरिन इंजिनियरिंग के सेमेस्टर 3 में अव्वल नंबर से शीर्ष स्थान हासिल किया था। जिसको लेकर यूनिवर्सिटी द्वारा दोनों बिहारी छात्रों क़ो 50-50 हज़ार के रीवार्ड भी मिले थे ।
जिसका मलाल बंगाली छात्रों के साथ साथ इनके दोस्तों क़ो था। यही वज़ह है कि इनके साथियों ने धोखे से बुलाकर पहले मारपीट किया फ़िर तालाब में डुबो दिया औऱ बड़ी हीं चालाकी से पुलिस बुला दी। हालांकि कांड संख्या 83/2017 आईपीसी की धारा 302, 34 में साज़िश क़र हुईं हत्या का केस दर्ज़ तो क़र लिया गया लेकिन अनुसन्धान में भारी गड़बड़ी क़र मामले क़ो ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है । लिहाजा पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर दर भटक रहा है ।