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Bihar news : सुशील काजल का हत्यारा करनाल एस डी एम को बर्खास्त करो

संवाददाता. मोहन सिंह बेतिया

बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकार लाठी तथा पुलिस के बल पर किसानों के आंदोलन को दबाना चाहती है । जिसका नतीजा सामने आने लगा । 5 सितंबर मुजफ्फरनगर का किसानों का महापंचायत यह साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश की धरती पर इतना बड़ा किसानों का जनसैलाब इसके पहले कभी नहीं देखा गया था । यह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी संकेत दे गया ।

 

दूसरी तरफ हरियाणा के करनाल में टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों पर लाठियां बरसाई गई । जिसमें घायल सुशील काजल की इलाज के दौरान मौत हो गई । इसका एक जिम्मेदार वहां का एसडीएम है । जिसने आदेश दिया की किसान आगे बढ़ते हैं , तो उनके सर फोड़ दो । जब एसडीएम आयूष सिन्हा को बर्खास्त करने और उस पर हत्या का मुकदमा चलाने के मांग को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे । तो उन पर हमले किए गए ।
7 सितंबर को करनाल के मंडी हाउस में किसानों का महापंचायत जिसको रोकने के लिए 40 बटालियन पुलिस की व्यवस्था और हरियाणा पुलिस के सर्वोच्च पदाधिकारियों का जमघट किसानों को महापंचायत में आने से नहीं रोक सका । दो लाख से ज्यादा किसान उस महापंचायत में शामिल हो गए । उन्होंने एक स्वर में मांग किया कि हमारे शहीद साथी सुशील काजल के परिवार को ₹ 25 लाख का मुआवजा , घायल किसानों के परिवार को ₹ 2 लाख मुआवजा तथा अनुमंडल पदाधिकारी आयुष सिन्हा को बर्खास्त कर उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग कर रहे थे ।
लेकिन हरियाणा सरकार ने जब इस मांगों को अनदेखा कर दिया तो मजबूर होकर किसान करनाल लघु सचिवालय को घेरने के लिए आगे बढ़े । पुलिस की बैरीकेटिंग तीन तीन जगहों पर लगी , पानी का बौछार किसानों पर होता रहा । लेकिन पुलिस प्रशासन की एक न चली और करनाल लघु सचिवालय को किसानों ने चारों तरफ से घेर लिया । रात भर किसान सचिवालय को घेरे रहे और घेराव का कार्यक्रम लगातार जारी है ।

 

Bihar news : सुशील काजल का हत्यारा करनाल एस डी एम को बर्खास्त करोबिहार राज्य किसान सभा यह मांग करता है कि किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी , एमएसपी को कानूनी दर्जा , सभी किसानों को कर्ज से मुक्ति , शहीद सुशील काजल सहित सभी शहीदों को 25 लाख तथा घायलों को 2 लाख मुआवजा , करनाल एस डी एम आयुष सिन्हा की बर्खास्तगी अविलम्ब किया जाय । अन्यथा इसका खामियाजा केन्द्र सरकार भी भोगने को तैयार रहे ।

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