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Bihar news अरूंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए की अनुमति लोकतंत्र को कुचलने का एक और उदारहण

संवाददाता –मोहन सिंह बेतिया 
*20 जून को होगा देशव्यापी प्रतिवाद*

*इवीएम मशीन को हमेशा के लिए खारिज किया जाए, बैलेट की हो वापसी*

*बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक*

*नीट की पुनःपरीक्षा ली जाए और घोटाले की जांच हो*

भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देना, लोकतंत्र और मतभिन्नता को कुचलने का एक और उदाहरण है. यह फासीवाद के भारतीय ब्रांड का अवश्यंभावी लक्षण है. यही उपराज्यपाल, मेधा पाटकर के खिलाफ फर्जी मानहानि के उस मुकदमे के भी पीछे हैं, जिसमें उन पर दोष सिद्ध हो गया है और सजा वक्त की बात भर है।

Bihar news Permission for UAPA against Arundhati Roy and Sheikh Shaukat Hussain is another example of crushing democracy

भाकपा-माले ऐसे दमनकारी क़ानूनों के खात्मे तथा सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष जारी रखेगी. इस घटना के खिलाफ 20 जून को राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध का आह्वान केंद्रीय कमिटी ने किया है. भाकपा-माले लोकतंत्र पसंद सभी नागरिकों से दिल्ली के उपराज्यपाल के इस अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ मजबूती से उठ खड़े होने की अपील करती है।Bihar news Permission for UAPA against Arundhati Roy and Sheikh Shaukat Hussain is another example of crushing democracy

उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा का चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, इवीएम पर उठ रहे सवाल खत्म नहीं हो जाते. भारत को कागज के मतपत्रों की ओर लौटना चाहिए और इवीएम मशीनों को हमेशा के लिए खारिज कर देना चाहिए. चुनाव जीतने या हारने भर का मामला नहीं है बल्कि चुनाव की प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है.

नीट की परीक्षा में भारी घोटाला व धांधली लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. एनटीए ने बार-बार साबित किया है कि वह कोई भी परीक्षा कराने में असमर्थ है. इस मॉडल को तुरंत वापस लेना चाहिए. नीट की पुनःपरीक्षा ली जानी चाहिए और घोटाले की जांच होनी चाहिए।Bihar news Permission for UAPA against Arundhati Roy and Sheikh Shaukat Hussain is another example of crushing democracy

उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अपराध की लगातार बढ़ रही घटनाएं बेहद चिंताजनक है. सत्ता संरक्षित अपराधियांं द्वारा इस तरह के कारनामों को अंजाम दिया जा रहा है. भाजपा-जदयू शासन का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

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जनवाद टाइम्स