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Bihar news फ्लड प्रोटक्शन कार्य सहित क्षतिग्रस्त सड़क, पुल-पुलियों की मरम्मति त्वरित गति से करायें : नितिन नवीन।

संवादाता मोहन सिंह

बेतिया। नितिन नवीन, माननीय मंत्री, पथ निर्माण विभाग, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पश्चिम चम्पारण द्वारा आज समाहरणालय सभाकक्ष में कोविड-19, एईएस/जेई एवं बाढ़ आपदा से संबंधित जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की गयी। इस अवसर पर माननीय सांसद, संजय जायसवाल, सुनिल कुमार, माननीय राज्यसभा सांसद, सतीश चन्द्र दूबे, माननीय विधायक, राम सिंह, श्री विनय बिहारी, उमाकांत सिंह, श्रीमती भागीरथी देवी, श्रीमती रश्मि वर्मा, माननीय विधान पार्षद, भिष्म सहनी सहित सहायक समाहर्ता, एस.सेधु माधवन, अपर समाहर्ता, नंदकिशोर साह, उप विकास आयुक्त, रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, डाॅ0 अरूण कुमार सिंह, सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी, सभी कार्यपालक अभियंता आदि उपस्थित रहे।

माननीय मंत्री, नवीन ने कहा कि कोविड-19 आपदा, बाढ़ आपदा के समय सभी अधिकारियों, कार्यपालक अभियंताओं सहित अन्य अधिकारियों को मिलजुल कर टीम वर्क में कार्य करते हुए जिले को मुश्किल दौर से उबारना है। सभी अधिकारी तत्परतापूर्वक अपने-अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन करें ताकि पश्चिम चम्पारण जिले को विभिन्न आपदाओं से बचाया जा सके तथा विकास को और अधिक बढ़ाया जा सके।

जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा पाॅवर प्रजेंटेशन के माध्यम से जलस्तर, कटाव, क्षतिग्रस्त सड़क, पुल-पुलियों आदि से संबंधित जानकारी से माननीय मंत्री को अवगत कराया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में जून माह में औसतन 213 एमएम बारिश हुई है। जिले में अत्यधिक वर्षा एवं नेपाल के नारायण घाट से चार लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने को लेकर जलस्तर में वृद्धि हुई तथा कई क्षेत्रों में कटाव आदि की समस्या उत्पन्न हुयी है।

उन्होंने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए 18 सरकारी नाव एवं 149 नाव (निजी नाव जिनके साथ एकरारनामा किया गया है), 02 मोटरबोट, 9800 पाॅलीथिन शीट्स, 150 टेन्ट, 98 लाईफ जैकेट, 113 प्रशिक्षित गोताखोर, 141 राहत दल, 166 चिन्हित राहत स्थल सहित आवश्यकतानुसार सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल निस्सरण प्रमंडल, बेतिया द्वारा 18 जगह, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-2, पडरौना द्वारा 02 एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बगहा द्वारा 03 जगहों पर सुरक्षात्मक कार्य किया गया है। वहीं पथ निर्माण प्रमंडल एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा भी युद्धस्तर पर क्षतिग्रस्त पथ, संपर्क पथ, पुल-पुलिया आदि का निर्माण कराया जा रहा है।

बाढ़ आपदा की समीक्षा के दौरान माननीय मंत्री द्वारा बारी-बारी से सभी कार्य प्रमंडलों द्वारा किये जा रहे कार्यों की बिन्दुवार जानकारी प्राप्त की गयी। सभी कार्यपालक अभियंताओं को निदेश दिया गया कि जलजमाव, रेनकट, कटाव वाले स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करें तथा त्वरित गति से बाढ़ सुरक्षात्मक एवं मरम्मति कार्य पूर्ण करायें। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था अत्यंत ही जरूरी है। इस हेतु बड़े-छोटे नालों की अच्छे तरीके से साफ-सफाई/उड़ाही आदि कार्य सुनिश्चित किया जाय। साथ ही अगर नालों का अतिक्रमण कर लिया गया है तो तुरंत कड़ी कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणमुक्त कराते हुए जलनिकासी की व्यवस्था की जाय ताकि जलजमाव के कारण आम जनजीवन प्रभावित नहीं हो सके।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर त्वरित गति से कार्रवाई की जाय तथा की गयी कार्रवाई से संबंधित जानकारी से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाय। बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य में गुणवता का पूर्ण ख्याल रखा जाय। विभागीय दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। किसी भी सूरत में अनियमितता, लापरवाही एवं कोताही बरतने को अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि प्रभावित व्यक्तियों को अविलंब राहत सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की जाय। आवश्यकतानुसार कम्युनिटी किचेन की संख्या बढ़ाई जा सकती है ताकि जलजमाव से ग्रसित क्षेत्रों के लोग भोजन प्राप्त कर सके। साथ ही इनके बीच सूखा राशन सहित आवश्यक सामग्रियों के पैकेट का भी वितरण करायें। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को सभी आवश्यक संसाधनों के साथ हर समय अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि आपात स्थिति में त्वरित गति से रेस्क्यू किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के समय सूचनाओं का आदान-प्रदान करने हेतु संचालित नियंत्रण कक्ष के नंबरों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही नियंत्रण कक्ष में कर्मियों की संख्या भी बढ़ायी जाय।

जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि भारी वर्षा एवं जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण किसानों को हुई क्षति का आकलन किसान सलाहकार आदि कर्मियों के माध्यम से शीघ्र करायें तथा विभागीय निदेश के आलोक में बीज वितरण सहित अन्य सहायता प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध करायी जाय।

समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में अबतक 766604 सैम्पल की टेस्टिंग की गयी है जिसमें से 20311 कन्फर्म्ड केस पाया गया। वर्तमान में एक्टिव केस की संख्या 43 है तथा रिकवरी रेट 99.72 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा टेस्ट, ट्रैक और ट्रिट के आधार पर समुचित कार्रवाई की गयी है। इस हेतु हाउस टू हाउस विजिट, मोबाईल टेस्टिंग वैन, हिट एप, कमांड एंड कंट्रोल रूम-सह-टेलीमेडिसिन सेंटर सहित कम्युनिटी सर्विलांस टीम के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि हाउस टू हाउस सर्वे के दौरान 4051955 व्यक्तियों के पास सर्वे टीम पहुंची। 42 मोबाईल टेस्टिंग वैन संचालित किए गए। सभी पाॅजेटिव व्यक्तियों को मेडिकल किट उपलब्ध कराया गया है।

जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला कमांड एंड कंट्रोल रूम में 27364 काॅल्स एटेंड किये गये तथा 2996 लोगों को चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया गया। साथ ही 974 लोगों को व्हाट्सएप वीडियो काॅल के माध्यम से विशेषज्ञ डाॅक्टरों की टीम द्वारा समुचित स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की गयी है।

माननीय मंत्री ने कहा कि टेस्टिंग और वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाने की आवश्यकता है। निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत लोगों को कोविड-19 टीका का लाभ दिलाने के लिए कारगर उपाय किया जाय। माननीय प्रभारी मंत्री के द्वारा सदन में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर टीका दिलवाने में अपेक्षित सहयोग करने का अनुरोध किया गया। उपस्थित जनप्रतिनिधियों से माननीय मंत्री से अनुरोध किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करें तथा सरकार एवं जिला प्रशासन की सहायता करें।

एईएस/जेई की समीक्षा के दौरान माननीय मंत्री ने कहा कि जिले में एईएस/जेई की रोकथाम के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय। चमकी बुखार से ग्रसित बच्चों के समुचित ईलाज हेतु पीकू/नीकू की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाय। उन्होंने कहा कि कोरोना की जंग अभी खत्म नहीं हुई है। इसके लिए लोगों को और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। लोगों को हमेशा मास्क के उपयोग हेतु प्रेरित किया जाए। साथ ही जिले में बच्चों के लिए नीकू/पीकू एवं स सभी आवश्यक संसाधनों को अपडेट रखने का निदेश दिया गया।

सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डाॅक्टरों, कर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित किया जाय ताकि मरीजों का समुचित ईलाज किया जा सके। अगर कोई डाॅक्टर, कर्मी प्रतिनियुक्त स्थल से अनपुस्थित रहते हैं तो उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाय।

समीक्षा के दौरान उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न मुद्दों को माननीय मंत्री के समक्ष रखा गया। माननीय सांसद, संजय जायसवाल ने बेतिया शहरी क्षेत्र में समुचित जलनिकासी हेतु नगर थाना, बेतिया से कोहरा नदी तक की अच्छे तरीके से साफ-सफाई कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि उक्त जलनिकासी मार्ग में कई जगहों पर अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे जलनिकासी में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही मसान नदी के कटाव से आसपास के क्षेत्रों को बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर कारगर कार्रवाई करने की बात संजय जायसवाल द्वारा कही गयी। माननीय सांसद, सुनिल कुमार द्वारा बताया गया कि सिसवा, बरवा काला, लखनपुर, वृंदावन पंचायत को सिकरहना नदी द्वारा कटाव कर लिया गया है, शीघ्र ही बचाव की व्यवस्था की जाय। साथ ही मसान नदी के किनारे गाइड बांध का निर्माण करवाने की बात कही।

माननीय विधायक, विनय बिहारी ने कहा कि प्रत्येक अंचल में एनडीआरएफ की टीम को प्रतिनियुक्त किया जाय। साथ ही 10-12 नाव की भी व्यवस्था की जाय। वहीं जलजमाव से पीड़ित परिवारों के बीच सूखा राशन, दवाई सहित अन्य सहायता की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव, टीकाकरण कार्य का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि लोग टीका ले सके। श्रीमती रश्मि वर्मा ने कहा कि एनडीआरएफ टीम, नाव का प्रचार-प्रसार कराया जाय। सभी अधिकारी हमेशा मोबाईल ऑन रखें, जलजमाव वाले क्षेत्र में पीड़ित परिवारों को चिन्हित कर सहायता पहुंचाने, शुद्ध पानी, मोमबती, माचिस उपलब्ध कराने, सर्पदंश सहित अन्य जीवन रक्षक दवाई पर्याप्त मात्रा में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जाय। श्रीमती भागीरथी देवी ने कहा कि मसान नदी से आसपास के गांवों को बचाने के लिए कारगर कदम उठाया जाय। दोन क्षेत्र में पुल-पुलियों का निर्माण कराया जाय। श्री राम सिंह द्वारा बगहा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को कटाव से बचाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया। साथ ही किसानों को बीज सहित अन्य सहायता प्रदान कराने की बात कही गयी। श्री उमाकांत सिंह ने कहा कि सिकरहना नदी के किनारे बसे गांवों में प्रत्येक साल काफी क्षति होती है। बथना, डुमरी में अविलंब फ्लड प्रोटक्शन कार्य करना अत्यंत ही जरूरी है। विधान पार्षद, भीष्म सहनी ने फ्लड प्रोटक्शन कार्य में लापरवाही, कोताही बरतने की बात बतायी। उन्होंने कहा कि सोंझी घाट पुल का निर्माण अबतक नहीं हो सका है, जिसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही चौतरवा-बगहा नगर परिषद क्षेत्र तक सड़क के किनारे बने नाला निर्माण की लेबलिंग सही कराने की बात कही गयी।

जनवाद टाइम्स इटावा

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