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Bihar News-अपनी जवाबदेही निभाने में विफल राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को पद से हटाने के मांग 

संवाददाता राजेन्द्र कुमार

 

वैशाली /हाजीपुर

 

समर्थन में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की जिला कमेटी अक्षयवटराय स्टेडियम परिसर से गांधी चौक तक मार्च निकाला और सभा आयोजित की। ऐपवा ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य अयोगों के पक्षपात पूर्ण व्यवहार और न्याय दिलाने में विफलता के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की है। ऐपवा नेताओं ने कहा की पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की आतंकवादियों द्वारा हत्या, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के पूरे दौड़ में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह का माहौल बनाया गया उसमें राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है। 1990 में राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना के समय उम्मीद की गई थी कि यह आयोग एक स्वायत्त, निष्पक्ष वैधानिक निकाय के रूप में काम करेगा। यह न केवल यौन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ महिलाओं के पक्ष में खड़ा होगा बल्कि महिलाओं के आर्थिक सामाजिक राजनीति के न्याय और बराबरी हेतु नीतियां बनाने के लिए सरकार पर दबाव डालने का काम करेगा।

Bihar News- Demand to remove the Chairperson of National Women's Commission from her post for failing to fulfill her responsibilities Bihar News- Demand to remove the Chairperson of National Women's Commission from her post for failing to fulfill her responsibilities

नेताओं ने कहा कि शुरुआती वर्षों में महिला आयोग की कुछ सकारात्मक भूमिका भी दिखाई दी, लेकिन बाद के वर्षों में इसकी भूमिका कमजोर होती गई और भाजपा के सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग निष्क्रिय रहा या बेहद पक्षपात पूर्ण भूमिका निभाना शुरू किया। हाल के कुछ वर्षों में महिलाओं ने जब भी कभी न्याय के लिए महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया तब यह बलात्कारियों, यौन उत्पीड़कों के खिलाफ सामने नहीं आया। क्योंकि इन अपराधियों का संबंध सत्ताधारी दल भाजपा से था। 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के जीडीएस के एमपी प्रज्वल रेबन्ना ने एनडीए कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ा। रेवन्ना पर सैकड़ो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप था, जिसका 3000 से अधिक वीडियो और प्रमाण थे। रेवन्ना के खिलाफ करवाई और गिरफ्तारी की मांग पर 700 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा लेकिन आयोग चुपी साधे ही रहा। इसी तरह का पक्षपात भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के केस में भी दिखा। जब धरना पर बैठी महिला पहलवान की सुरक्षा हटाने पर साक्षी मलिक ने राष्ट्रीय महिला आयोग को ट्वीट किया लेकिन आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया। मणिपुर से लेकर छत्तीसगढ़ तक आदिवासी औरतों के सामूहिक बलात्कार यौन हिंसा, हत्या की घटनाओं पर भी आयोग चुप्पी साधे रहा। अब तक आयोग की चुप्पी तो निराशा जनक थी ही लेकिन पहलगाम की घटना के बाद आयोग की भूमिका बेहद शर्मनाक है। राष्ट्रीय संकट के इस दौर में आयोग महिलाओं के खिलाफ खड़ा दिखाई दे रही है। पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली पत्रकारों, शांति और सौहार्द के पक्ष में आवाज उठाने वाली महिलाओं के खिलाफ सरकारी कार्यवाई पर आयोग चुप रहा। पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की पत्नियों, बहनों ने जब कश्मीरियों या मुसलमानों के खिलाफ नफरत न फैलाने की अपील की तो उन्हें गालियां दी गई, ट्रोल किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद करनल सोफिया के पक्ष में फेसबुक पोस्ट पर लिखने वाले प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को हरियाणा महिला आयोग ने एफआईआर करवा कर जेल भेजवाया, जबकि प्रोफेसर महमूदाबाद ने कर्नल सोफिया और वयौमिका सिंह की प्रशंसा की थी और मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव पर लोगों की चुप्पी पर सवाल उठाया था। मध्य प्रदेश में सरकार के मंत्री विजय शाह ने करनल सोफिया को पाकिस्तानियों की बहन कहा, भाजपा के एक नेता ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की पत्नियों को कायर कहा ऐसे अनगिनत मामले हैं जिस पर महिला आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया। सारी घटनाओं से हम सभी इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि राष्ट्रीय महिला आयोग और इसकी अध्यक्ष इस राष्ट्रीय संकट के दौर में अपनी जवाबदेही निभाने में पूर्णत विफल रही है। यह आयोग भारत की महिलाओं के बीच अपने विश्वसनीयता खो चुकी है।

 

अतः इन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। महिला नेताओं ने मांग किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की वर्तमान चेयरपर्सन विजया किशोर रहाटकर तत्काल इस्तीफा दें, ऐसा न करने पर उन्हें पद से हटाया जाए, राष्ट्रीय महिला आयोग राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत महिला संगठनों की तत्काल बैठक बुलाकर विचार विमर्श करें और राष्ट्रीय महिला आयोग की स्वायत और लोकतांत्रिक भूमिका सुनिश्चित करें। राज्यों में महिला आयोग नियमित रूप से महिला संगठनों के साथ बैठक कर उनका सुझाव लेकर अपने राज्यों में महिलाओं को न्याय दिलाने में भूमिका निभाए। जिन राज्यों में महिला आयोग के अध्यक्ष का पद खाली है वहां की सरकार महिला संगठनों की राय से तत्काल अध्यक्ष बहाल करें। मार्च का नेतृत्व और सभा को संबोधित करने वालों में ऐपवा जिला सचिव प्रेमा देवी, जिला अध्यक्ष कुमारी गिरजा पासवान, आशा देवी, पूनम देवी, कविता देवी, सोनी देवी, शोभा देवी, किरण देवी, मिथलेश देवी, अन्य शामिल थी।

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