Bihar News-पूर्वजों के नाम की रैयत्ती जमीन वंशावली लेकर खरीद बिक्री करने का अधिकार देने की मांग
संवाददाता -राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर ।
95% जमीन का जमाबंदी अभी भी मृत हो चुके पूर्वजों के नाम से है,
पूर्वजों के नाम की जमीन बिक्री पर
रोक के कारण बच्चों की पढ़ाई लिखाई, शादी विवाह, बीमारी का इलाज, और श्राद्ध करने के लिए पैसों का इंतजाम नहीं हो रहा है,
भाकपा माले के जिला सचिव और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने सरकार से मृत्यु हो चुके पूर्वजों की जमीन वंशावली के आधार पर उनके वास्तविक उत्तराधिकारी को बिक्री करने का अधिकार देने की मांग किया है।
श्री यादव ने कहा कि 95 प्रतिशत जमीन का जमाबंदी मृत्यु हो चुके पूर्वजों के नाम पर है, वैसे जमीन के बिक्री पर प्रतिबंध के कारण कमजोर लोगों को बच्चों की पढ़ाई लिखाई, बीमारी का इलाज, बेटी की शादी, मृत्यु होने पर श्राद्धकर्म आदि के लिए पैसों की व्यवस्था नहीं हो रही है, सरकार गांव-गांव में जमीन का भौतिक सत्यापन करते हुए सभी पक्षों की उपस्थिति में वास्तविक रैयतों के नाम जमाबंदी खोलने का अभियान चलाएं, जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता है ,ग्राम कचहरी सरपंच द्वारा तैयार वंशावली के आधार पर जमीन की खरीद बिक्री करने का अधिकार मिलना चाहिए, रजिस्ट्री बंद होने के कारण सरकारी राजस्व की हानि होती है, साथ ही अनेक लोग रुपए की व्यवस्था नहीं होने के कारण उचित इलाज के अभाव में जान भी गंवा रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि बाप दादों के नाम की जमीन बिक्री पर रोक के कारण जनता में आक्रोश है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ग्रहण कर सकती है।