Bihar news अजब प्रेम की गजब कहानी, सारस पक्षी एक- दूसरे के बिना जीना नहीं चाहते

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
अजीब प्रेम की गजब कहानी, साथ जियेंगे साथ मरेंगे की कसमें खाने वाले इंसान को अपना वादा नहीं निभा पाते। लेकिन एक ऐसा पक्षी भी है जो अपना वादा अच्छा से निभाता है । इस दुनिया में प्राकृतिक की एक ऐसी लीला है कि एक ऐसा भी पक्षी है जो एक दूसरे के बिना जीना पसंद नहीं करते।
उस अनोखी पक्षी का नाम है सारस।
पश्चिम चंपारण के बगहा में सारस जोड़े का एक सुंदर दृश्य देखने को मिला है। बिहार का इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व कई पशु पक्षियों के लिए बेहतर अधिवास साबित हो रहा है। जिले के इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकीनगर से सटे एक धान की खेत में सारस पक्षी ने अंडा दिया है और घोंसला की निगरानी कर रहा है। नर और मादा दोनों अंडों को सेता दिख रहे हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है की एक साथी के मरने पर दूसरा भी प्राण त्याग देता है।
आमतौर पर यह एक बार में केवल दो या चार अंडे देता है। सोचने वाली बात है कि नर-मादा दोनों मिलकर एक माता-पिता की तरह अंडा को सेता है। वीडी संजू बताते हैं कि भारत में इस पक्षी को दांपत्य प्रेम का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि एक साथी के विरह में दूसरा भी जान दे देता है।
वीडी संजू बताते हैं कि “यह एक भावुक प्राणी है. ज्यादातर जोड़े अथवा तीन या चार के समूहों में देखा जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक ही साथी के साथ पूरा जीवन बिताता है और उसी के साथ संभोग करता है।