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Bihar Nees भाकपा माले के आह्वान पर वैशाली जिले के सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाया गया

संवाददाता -राजेन्द्र कुमार

वैशाली /हाजीपुर । कार्यकर्ताओं ने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया, नेताओं ने कहा कि डॉ अंबेडकर की जयंती पर उनको याद करने मतलब है भारत में सामाजिक समानता की जो लड़ाई उन्होंने शुरू की थी उनके उसे क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाना है,

Bihar Nees भाकपा माले के आह्वान पर वैशाली जिले के सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाया गया

हम सभी बाबा साहब की 133वीं जयंती मना रहे हैं, आज भारत के संवैधानिक बुनियाद पर गंभीर हमला हो रहा है, 1920 के दशक तक इंग्लैंड और अमेरिका में अपनी शिक्षा पूरी कर डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक न्याय आंदोलन में एक अहम शख्सियत के बतौर उभरे, अंबेडकर ने बुद्ध और कबीर के बाद महात्मा ज्योतिबा फुले को अपना महान शिक्षक और प्रेरणा का स्रोत माना, 1848 में कम्युनिस्ट घोषणा पत्र सामने आ चुका था, इससे भी उन्होंने प्रेरणा ग्रहण की, 1927 वह निर्णायक साल था जब अंबेडकर ने दो ऐतिहासिक कदम उठाए, मार्च में महार सत्याग्रह, जिसमें बिना भेदभाव के सार्वजनिक वस्तु के बतौर पानी के अधिकार का दावा किया, और दिसंबर में मनुस्मृति को गुलामी की संहिता बताते हुए सार्वजनिक रूप से जलने का काम किया, 1936 में उन्होंने खुलकर जाति विनाश का आह्वानकिया, और स्वतंत्र लेबर पार्टी का गठन किया, जिसका उद्देश्य जाति और पूंजीवाद दोनों को खत्म करना था, आजादी मिलने के बाद अंबेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान सभा द्वारा स्वतंत्र भारत के संविधान को अपनाने के दौरान अनेक क्रांतिकारी विचारों पर अमल किया जिसका मसौदा उन्होंने खुद लिखा था, उन्होंने संविधान के आधार पर न्याय और सामाजिक समानता के लिए लड़ाई जारी रखी, उनकी आखिरी बड़ी लड़ाई हिंदू कोड बिल में महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए हिंदू पर्सनल लॉ को आधुनिक बनाने का प्रयास किया था,

Bihar Nees भाकपा माले के आह्वान पर वैशाली जिले के सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाया गया संविधान में गारंटीकृत धार्मिक स्वतंत्रता का प्रयोग करते हुए अंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाने का आखिरी कदम उठाया, बाबा साहब साहब ने सिर्फ हमें संविधान और आरक्षण ही नहीं दिया हमें राजनीति में भक्ति के खतरों से भी आगाह किया था, इसे उन्होंने तानाशाही का नुसखा बताते हुए बताया था, कि अगर हिंदू राष्ट्र हकीकत बन गया तो हम पर बहुत बड़ी मुसीबत आएगी, आज उनके विचारों को आत्मसात करने संविधान और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य की रक्षा के लिए पूरे समर्पण और ताकत के साथ हम लोगों को आगे बढ़ाना है, संविधान और लोकतंत्र को समाप्त करने वाली केंद्र की सरकार को 2024 के चुनाव में कड़ी सजा देना है, हाजीपुर के अनवरपुर चौक पर अंबेडकर जयंती समारोह को भाकपा माले के जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव, जिला कमेटी सदस्यों सुरेंद्र प्रसाद सिंह और रामबाबू भगत, गोपाल पासवान, मजिंदर शाह, कुमारी गिरजा पासवान, किरण कुमारी,हरिनारायण सिंह, रामनाथ सिंह, बच्चा बाबू, प्रभु दयाल सिंह, अरुण कुमार सिंह, वैशाली प्रखंड के चकला हलद में भारत पासवान, सरोज कुमार,रहीमपुर में पूर्व मुखिया रामचंद्र राय, लालगंज में प्रेमा देवी, राम पारस भारती, राजापाकर के अलीपुर में सुमन कुमार, योगेंद्र राय, पातेपुर में उमेश राय, हरि कुमार राय, मोहम्मद आसिफ इकबाल, भगवानपुर के मझौली मोहम्मदपुर बुजुर्ग में पवन कुमार सिंह, विजय महाराज,ने अंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित किया , वैशाली जिला के अन्य प्रखंडों के पंचायत में भी अंबेडकर जयंती समारोह आयोजित किया गया,
प्रेषक/विशेश्वर प्रसाद यादव, जिला सचिव, भाकपा माले, वैशाली

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जनवाद टाइम्स